राजनीति

सुब्रह्मण्यम स्वामी ने मायावती को बताया डोनाल्ड ट्रंप,कहा ट्रंप की तरह जीतेगीं यूपी चुनाव!

भले ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं लेकिन उनकी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते. अपने बेबाक बयानों के लिए पहचान रखने वाले सुब्रमण्यम स्वामी ने बुधवार शाम को टि्वटर पर लिखा, ”मुझे लगता है कि उत्तर प्रदेश में मायावती उसी तरह से जीतने में कामयाब रहेंगी, जैसे अमरीका में डोनाल्ड ट्रंप ने जीत दर्ज की थी.”

भविष्यवाणी से लोग हुए हैरान:

भारतीय जनता पार्टी के सीनियर नेता की इस भविष्यवाणी पर लोगों की ताज्जुब होना ही था. तुरंत ही इस ट्वीट पर प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गईं. कई यूजर्स ने स्वामी को भला-बुरा भी कहना शुरू कर दिया. तो कुछ यूजर्स ने उनके भाजपा में रहने पर ही सवाल उठा दिए. गौरतलब है कि नवंबर 2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन को हराकर जोरदार जीत हासिल की, जबकि तमाम सर्वेक्षण और ओपिनियन पोल में हिलेरी क्लिंटन के जीतने की भविष्यवाणी की जा रही थी.

विवाद बढ़ने के बाद स्वामी ने सफाई देते हुए कहा कि उनका आशय नरेंद्र मोदी से था न कि मायावती से जो डोनाल्ड ट्रंप की तरह जीत हासिल कर सकते हैं. उन्होंने एक और ट्वीट करते हुए लिखा, ‘यूपी चुनाव पर किए गए अपने ट्वीट में मैं नमो कहना चाहता था, लेकिन गलती से मैंने मायावती कह दिया. गलती के लिए खेद है.’

गौरतलब है कि 9 फरवरी को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना डोनाल्ड ट्रंप से की. उन्होंने कहा, ‘अमेरिका ने हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप को चुना है, लेकिन भारत के पास मोदी के रूप में ढाई साल पहले से ही डोनाल्ड ट्रंप है.

मायावती के राजनीतिक भविष्‍य के लिए यह चुनाव बेहद अहम है क्‍योंकि 2014 के लोकसभा चुनाव में उनका परंपरागत वोटर कुछ हद तक उनसे छिटक कर बीजेपी के खाते में चला गया था. इसी वजह से राजनीतिक विश्‍लेषक मानते हैं कि उस चुनाव में बसपा का खाता भी नहीं खुला. यही कारण है कि मायावती ने इस बार यूपी चुनावों में दलित-मुस्लिम सोशल इंजीनियरिंग फॉर्मूले को अपनाते हुए दांव खेला है. इसके चलते तकरीबन 100 सीटों पर मुस्लिम प्रत्‍याशी चुनाव लड़ रहे हैं और उसके बाद दूसरे नंबर पर 87 सीटों पर दलित प्रत्‍याशी हैं.

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