रिलेशनशिप्स

करियर से समझौता कर महिलाएं क्यों बनती हैं हाउस वाइफ, मर्द जॉब छोड़ क्यों नहीं बनते हाउस हस्बैंड?

दोस्तों आप ने अक्सर देखा होगा कि जब शादी के बाद जिम्मेदारियां सँभालने की बात आती हैं तो महिलाएं अपनी नौकरी या सपनो के साथ समझौता कर लेती हैं. एक तरह से कई लोगो को हाउस वाइफ चाहिए होती हैं. वो महिला जो घर के काम काज भी कर सके और बच्चों को भी संभाल सके. हालाँकि क्या शादी के बाद ये सभी जिम्मेदारियां सिर्फ एक महिला की ही होती हैं? क्या हस्बैंड का फ़र्ज़ नहीं बनता कि वो भी इन कामो में सहयोग करे. देखिये यदि पति और पत्नी दोनों जॉब करते हैं तो घर के काम भी उन्हें बराबरी से बांटना चाहिए. दूसरी सिचुएशन ये भी होती हैं कि महिला नौकरी तो करना चाहती हैं लेकिन घर की जिम्मेदारियों के चलते उससे समझौता कर लेती हैं. फिर पति बाहर के काम करता हैं जबकि महिला को हमेशा की तरह घर का ठेका मिल जाता हैं. ठीक हैं ये भी मन लेते हैं.

 

लेकिन क्या ऐसा नहीं हो सकता कि एक मर्द अपने सपनो या करियर से समझौता कर ले और महिला को अपनी ख्वाहिशे पूरी करने का मौका मिले? मतलब ये कि एक मर्द हाउस हस्बैंड बन जाए. इसे इस उदाहरण से समझिए. जब लड़के वाले लड़की देखते हैं तो उन्हें उसकी नौकरी से ओई मतलब नहीं होता हैं. यदि लड़की घर के कामकाज कर ले और बच्चों की जिम्मेदारी संभल ले तो भी वो उसे बहू बना लेते हैं. हालाँकि जब लड़की वाले लड़का देखते हैं तो उन्हें हाई फाई नौकरी और ज्यादा सैलरी की पड़ी होती हैं. उनके दिमाग में ये नहीं आता कि यदि लड़का नहीं कमाता या कम सैलरी वाला हैं तो वो घर में हाउस हस्बैंड बन काजकाज देख लेगा और बच्चों को भी संभाल लेगा. पैसा कमाने का कम उनकी लाडली बेटी कर लेगी.

अब ज़माना बदल रहा हैं. मर्द और महिलाओं को सामान हक मिल रहा हैं. ऐसे में मर्दों के हाउस हस्बैंड बनने में भी कोई बुराई नहीं होना चाहिए. लेकिन ये जो समाज हैं वो इसे स्वीकार नहीं करता हैं. लोग क्या कहेंगे इस चक्कर में पड़ा रहता हैं. उन्हें मर्द हमेशा नौकरी करते हुए ही चाहिए. आपको ये बात भी समझनी होगी कि यदि आपको बेटी के सपने बड़े हैं, उसे करियर में आगे बढ़ना हैं तो शादी के बाद घर की जिम्मेदारी सँभालने को भी कोई चाहिए. ऐसे में वो अपनी नौकरी करने वाली बेटी के लिए कोई हाउस हस्बैंड भी ढूंढ सकते हैं. वहीं मर्दों को भी यदि शादी के बाद अपने करियर से समझौता करना पड़े तो इसमें कोई बुराई नहीं हैं. अब महिलाएं भी तो ऐसा करती ही हैं ना.

तो इस पर अब जरा आप अपनी राय बताइए. यदि आप एक नौकरी करने वाली लड़की हैं. अच्छा खासा कमा भी लेती हैं. तो क्या अप नहीं चाहेगी कि आपको कोई हाउस हस्बैंड मिल जाए. इस तरह शादी के बाद आप अपना फोकस जॉब पर रख सकती हैं और घर के काम आपका हस्बैंड संभाल लेगा. बता दे कि कई मर्द ऐसे भी होते हैं जिन्हें घर के कामकाज करने और बच्चों को सँभालने से ओई परहेज नहीं हैं. वो हाउस हस्बैंड बनने को भी तैयार हैं. लेकिन समाज में खिल्ली उड़ेगी इस डर से कुछ नहीं करते हैं. हालाँकि हमारा ये मानना हैं कि मौका मर्द और औरत दोनों को ही अपने करियर को आगे बढ़ाने का बराबरी का मिलना चाहिए.

Back to top button
?>