अध्यात्म

इस तारीख से शुरू हैं नवरात्रि, जानें किस तरह से करें मां की पूजा

शारदीय नवरात्रि को धूमधाम से मनाया जाता है और हर साल ये नवरात्रि अक्टूबर या सितंबर महीने के दौरान आते हैं। इस साल यानी 2019 में शारदीय नवरात्रि 29 सितंबर से शुरू हो रहे है जो कि 7 अक्टूबर को खत्म होंगे। नवरात्रि का त्योहार हिंदू धर्म में धूम धाम से मनाया जाता है और इस दौरान मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है।

हर साल आते हैं चार नवरात्रि

हर साल कुल चार नवरात्रि आतें हैं जिनमें से दो गुप्त होते हैं और दो प्रकट नवरात्रि होते है। गुप्त नवरात्रि के दौरान मां की पूजा गुप्त रूप से की जाती है और इन नवरात्रि में पूजा रात के समय ही होती है। जबकि प्रकट नवरात्रि के दौरान पूजा सुबह के समय की जाती है।

कौन से नवरात्रि होते हैं गुप्त

माघ मास और आषाढ़ मास में आने वाले नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। जबकि चैत्र मास और आश्विन मास में आने वाले नवरात्रि को प्रकट नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। शारदीय नवरात्रि यानी आश्विन मास में आने वाली नवरात्रि काफी महत्वपूर्ण होते हैं और इस नवरात्रि के दौरान लोग देवी मां की प्रतिमा को अपने घर में स्थापित करते हैं और 9 वें दिन धूमधाम से माता की मूर्ति को नदी में विराजित करते हैं। इन नवरात्रि के दौरान रोज सुबह-शाम विशेष पूजा की जाती है।

जाने किस दिन कौन सी देवी की होती है पूजा

शारदीय नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री की पूजा होती है, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है, तीसरे दिन चंद्रघंटा की पूजा होती है, चौथे दिन कुष्मांडा की पूजा होती है, पांचवें दिन स्कंदमाता, छठे दिन कात्यानी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी, नवें दिन सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।

शारदीय नवरात्रि के दौरान इस तरह से करें पूजा

शारदीय नवरात्रि के दौरान पूरे नौ दिनों तक मां की पूजा की जाती है। कई लोग पहले और आखिर नवरात्रि के दिन व्रत रखते हैं। जबकि कई लोग पूरे नौ दिनों का व्रत किया करते हैं। इसलिए आप चाहें तो नौ दिनों तक भी व्रत रख सकते हैं।

इस तरह से करें पूजा

 

  • नवरात्रि के पहले दिन आप नहाकर घर के मंदिर में मां की चौकी को स्थापित करें। इस चौकी के ऊपर आप लाल रंग का कपड़ा बिछा लें। फिर इस कपड़े के ऊपर मां की मूर्ति रख दें।
  • मूर्ति के सामने आप नारियल और कलश को स्थापित कर दें।
  • इसके बाद आप चौकी पर चावल की मदद से स्वास्तिक का निशान बना दें और इसके पास एक घी का दीपक रख दें।
  • घी के दीपक को जलाकर आप अपनी पूजा को शुरू करें और मां के नामों का जाप करें।
  • पूजा करने के बाद आप आरती करें ।
  • इसी तरह से आप दिन में दो बार पूजा करें।
  • पूजा के बाद आप व्रत रखने का संकल्प लें।
  • याद रखें की मां के सामने जलाया गया दीपक नौ दिनों तक जलता ही रहे।
  • वहीं नौवे दिन आप कन्याओं को भोजना करवा कर अपने व्रत को तोड़ दें।
  • कन्या को आप भोजन में पूरी, खीर और काले चन्ने खाने को जरूर दें।

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