अध्यात्म

क्या आप जानते हैं कि श्मशान से आने के बाद नहाते क्यों हैं, जानें इसके वैज्ञानिक और धार्मिक कारण को!

आप तो जानते ही होंगे कि इस पृथ्वी पर जिसने भी जन्म लिया है, उसे एक दिन मरना ही है। कोई भी कैसा ही क्यों ना हो हो उसे मरना ही होता है। आपने देखा होगा जब किसी की मृत्यु हो जाती है तो उसके शव को घर से श्मशान तक ले जाया जाता है। इस दौरान उसकी शव यात्रा में काफी लोग इकठ्ठा होते हैं। किसी के शव को कन्धा देने व उसकी शवयात्रा में शामिल होने को सभी धर्मों में पवित्र माना गया है। उसी समय इंसान को जीवन की सच्चाई का आभास होता है।

शवयात्रा में भाग लेने वाले सभी लोग करते हैं स्नान:

आपने एक और चीज देखी होगी कि जो लोग भी इस शवयात्रा में शामिल होते हैं, सभी स्नान करते हैं। बहुत सारे तो उनमें से ऐसे होते हैं, जिन्हें इसके कारणों के बारे में भी पता नहीं होता है। क्या आप भी उन्ही में से हैं, जिन्हें श्मशान के बाद नहाने की वजह नहीं पता है तो जानिए अंतिम संस्कार के बाद स्नान करने के धार्मिक और वैज्ञानिक कारण क्या हैं।

अंतिम संस्कार के बाद स्नान के धार्मिक कारण:

श्मशान से आने के बाद नहाने का धार्मिक कारण यह है कि श्मशान एक ऐसी जगह होती है जहाँ पर नकारात्मक शक्तियों का वास होता है। यह कमजोर दिल वाले व्यक्ति पर बहुत जल्द अपना कब्ज़ा कर लेती हैं। आपको बता दें पुरुषों की अपेक्षा महिलायें ज्यादा भावुक और मानसिक रूप से कमजोर होती हैं, इसलिए उन्हें श्मशान जाने की इजाजत नहीं होती है। ऐसा माना जाता है कि अंतिम किया हो जाने के बाद भी मृतआत्मा का सूक्ष्म शरीर कुछ समय तक वहाँ मौजूद रहता है। जो किसी पर भी बुरे प्रभाव डालने की शक्ति रखती है।

 

अंतिम संस्कार के बाद स्नान के वैज्ञानिक कारण:

अंतिम संस्कार के बाद स्नान करने के पीछे वैज्ञानिक कारण भी है। अंतिम संस्कार से पहले ही शव काफी देर तक बाहर रहता है, इस वजह से वह वातारण के सूक्ष्म और संक्रामक कीटाणुओं से संक्रमित हो जाता है। इसके अलावा मृत व्यक्ति का शव भी संक्रामक रोगों से ग्रसित हो जाता है। जो लोग वहाँ उपस्थित होते हैं, उन्हें भी संक्रमित होने का खतरा होता है। लेकिन जब भी व्यक्ति नहाता है तो, उसके संक्रमण के कीटाणु साफ़ हो जाते हैं। इसलिए संतिम संस्कार के बाद स्नान करने की प्रथा है।

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