अध्यात्म

गणपति की पूजा के दौरान बोल दें ये मंत्र, बप्पा पूरी कर देंगे आपकी मनोकामना

गणेश चतुर्थी के पर्व के दौरान हर कोई गणेश जी की विशेष पूजा करता है और 10 दिनों तक बप्पा को अपने घर में रखता है। गणेश चतुर्थी का पर्व हर साल ‎भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन आरंभ होता है और 10 दिनों तक चलता है। इस पर्व के दौरान लोग अपने घर में बप्पा की मूर्ति की स्थापित करते है और 10 दिनों तक यानी अनंत चतुर्दशी तक बप्पा की पूजा करते हैं।

 

वहीं 10 दिनों तक पूजा करने के बाद धूमधाम से बप्पा को विदा किया जाता हैं और गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन नदी में किया जाता है। गणेश जी को विघ्नहर्ता और प्रथम पूज्य भगवान का दर्ज प्राप्त है। ऐसा माना जाता है कि अगर अच्छे से गणेश जी की पूजा की जाए तो बप्पा आपके जीवन के सभी दुखों को दूर कर देते हैं। इतना ही नहीं आपके हर कार्य को सफल भी बना देते हैं।

भगवान गणेश जी की विधि विधान से पूजा करना बेहद ही जरूरी होता है और पूजा करने के बाद बप्पा की आरती करना भी बेहद ही जरूरी होता है। पूजा करते  समय बप्पा को कम से कम 21 दूर्वा जरूर चढ़ाई जानी चाहिए। दूर्वा के अलावा बप्पा को विशेषकर मोदक का भोग भी पूजा के दौरान लगना चाहिए। दरअसल भगवान गणेश को मोदक और दूर्वा घास अतिप्रिय हैं और यही वजह है कि भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए इन दोनों चीजो का प्रयोग पूजा का दौरान जरूर किया जाता है।

पूजा शुरू करने से पहले आप पूजा की थाली को अच्छे से साफ कर लें। फिर इस थाली में आप लाल सिंदूर, 21 दूर्वा घास, मोदक, एक घी का दीपक रख दें। पूजा करते समय आप सबसे पहले घी का दीपक जाल दें। दीपक जलाने के बाद बप्पा को दूर्वा घास अर्पित करें और उनके सामने मोदक रख दें। इसके बाद आप अपनी पूजा शुरू करें और नीचे बताया गया मंत्र बोल दें –

गणेश जी की पूजा शुरू करने से पहले ये मंत्र बोलें

गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम्ं।

उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम्॥

पूजा के पश्चात गणेश जी की आरती गाएं। आरती गाते समय आप  घंटी और शंख भी जरूर बजाएं। वहीं गणेश जी से जुड़ी सबसे प्रसिद्ध आरती इस प्रकार हैं और आप इस आरती को पूजा के दौरान जरूर गएं।

गणेश जी की पहली सबसे प्रसिद्ध आरती

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,

माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी।

पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,

लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।। …

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,

बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।

‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।।

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा .

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।

कामना को पूर्ण करो जय बलिहारी।

अच्छे से पूजा करने के बाद आप अपने मन में अपनी कामना बोल दें और बप्पा के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लें। वहीं पूजा खत्म होने के बाद आप इस मंत्र को बोल दें।

पूजा के बाद ये मंत्र बोलकर गणेशजी को नमस्कार करें

विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धिताय |

नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते ||

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