राजनीति

सामने आया नेहरु-इंदिरा के लाड़ले ‘राहुल गांधी’ का दोहरा चरित्र, यह तो बहुत बड़े पलटूराम निकले

‘थूक कर चांटना’- हम सभी इस मुहावरे से कई बार रुबरु हो चुके होंगे, जिसका अर्थ है अपनी बात से मुकर जाना। जी हां, अपनी बात से मुकर जाना ये भारतीय राजनीति का सबसे लोकप्रिय मुहवारा बन गया। अक्सर राजनेता चुनाव के दौरान किए गए वादों से मुकर जाते हैं या फिर अपने उसूलों से मुकर जाते हैं। इतना ही नहीं, नेतागण अपनी बातों से भी मुकरने में जरा भी नहीं हिचकिचाते हैं। इस कड़ी में कई नेताओं का नाम शामिल है, लेकिन यहां नेहरु-इंदिरा के लाड़ले राहुल गांधी की बात कर रहे हैं, जोकि पिछले कुछ महीनों में कई बार मुकर गए हैं। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?

कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके राहुल गांधी का सियासी करियर कुछ खास नहीं रहा, जिसकी वजह से उन्हें आलोचनाओं का भी खूब सामना करना पड़ा, लेकिन यहां हम उनके द्वारा दिए गए कुछ पलटाऊ बयानों के बारे में बात कर रहे हैं। राहुल गांधी की इन बातों को जानकर आप भी ये कहने से नहीं हिचकिचाएं कि वाकई नेहरू-इंदिरा के लाड़ले तो पलटूराम निकले। मतलब साफ है कि राहुल गांधी बिन पेंदी के लौटे हैं, जो कभी भी कहीं भी लुढ़क जाते हैं।

गलती हो गई माफ कर दो

लोकसभा चुनावों में पीएम मोदी को टक्कर देने वाले राहुल गांधी की छवि अब गलती हो गई माफ कर दो वाली बन गई। दरअसल, राहुल गांधी पहले बयान देते हैं और फिर उस पर सफाई देते हैं, लेकिन जब सफाई से काम नहीं चलता है, तो गलती हो गई बोलकर माफी मांग लेते हैं। इतना ही नहीं, ये कथन पिछले कुछ महीनों में कई बार सुनने को मिला है, जिसकी वजह से लोग उनसे पूछ रहे हैं कि आखिरी कितनी बार थूक के चाटोगे राहुल गांधी? मतलब साफ है कि अब राहुल गांधी के बयानों का कोई सिर पैर नहीं रहा, बल्कि वे कभी भी कुछ भी बोल देते हैं।

कश्मीर मुद्दे पर भी पलटे राहुल गांधी

हाल ही में कश्मीर एयरपोर्ट से वापस किए जाने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि कश्मीर में लोग मर रहे हैं। उनके इस बयान को पाकिस्तान ने लपकते हुए संयुक्त राष्ट्र जा पहुंचा, जिसके बाद उन्होंने इस पूरे मुद्दे पर सफाई दी। राहुल गांधी ने कहा कि कश्मीर में जो कुछ हो रहा है, वो सब पाकिस्तान का किया धरा है। मतलब साफ है कि राहुल गांधी को अपने बयान के लिए हर बार सफाई देनी पड़ती है। लोकसभा चुनाव में जब सुप्रीम कोर्ट ने राफेल पर टिप्पणी की तो राहुल गांधी ने कहा कि कोर्ट ने भी माना चौकीदार चोर है, जिस पर उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी।

साल 2008 से लेकर 2013 तक राहुल गांधी जो बोलते थे, उस पर उन्हें खूब वाहवाही मिलती थी। साल 2013 में  मनमोहन सरकार ने दागी विधायकों, सांसदो और जनप्रतिनिधियों को बचाने वाले अध्यादेश को राहुल गांधी ने कैमरे के सामने फाड़ दिया था और कहा था कि केंद्र सरकार ये अध्यादेश लालू यादव जैसे नेताओं को बचाने के लिए लाई थी, जिसके बाद उन्होंने खूब वाहवाही लूटी थी, लेकिन साल 2014 के बाद वे लालू यादव का हाथ पकड़कर घूमने से भी पीछे नहीं हटे। इस तरह के कई किस्से मौजूद हैं।

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