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मुगल वंशज हबीबुद्दीन तुसी ने किया वादा, कहा- ‘राम मंदिर बनने पर दूंगा सोने की ईंट’

राम मंदिर बनवाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में लगातार सुनवाई हो रही है और अयोध्या विवाद को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है। जहां कुछ मुस्लिम पक्ष के लोग राम मंदिर बनाने के खिलाफ हैं। वहीं कुछ मुस्लिम पक्ष के लोगों ने विवादित स्थल पर राम मंदिर बनाएं जाने को लेकर अपनी सहमति जताई है। हाल ही में आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के वंशज हबीबुद्दीन तुसी ने अयोध्या विवाद पर एक बयान दिया है और अपने इस बयान में इन्होंने अयोध्या में राम मंदिर बनाने को लेकर अपनी सहमति जताई है। इतना ही नहीं इन्होंने यहां तक कहा है कि अगर अयोध्या में राम मंदिर बनाया जाता है तो वो इस मंदिर के निर्माण में मदद करेंगे और सोने की ईंट दान करेंगे।

विवादित जमीन पर जताया अपना हक

हबीबुद्दीन तुसी ने दावा किया है कि बाबरी मस्जिद-राम जन्म भूमि वाली जमीन पर उनका अधिकार है और ये जमीन उन्हें दी जानी चाहिए। हबीबुद्दीन तुसी का कहना है कि वो चाहते हैं कि ये जमीन उन्हें सौंप दी जाए। क्योंकि ये जमीन मुगलों की है और वो मुगल के वंशज हैं। तुसी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट अगर उनको ये जमीन सौंप देता है तो वो इस जगह पर राम मंदिरा का निर्माण करवा देंगे।

करेंगे मंदिर बनाने के लिए दान

हबीबुद्दीन तुसी के अनुसार वो उन लोगों की भावनाओं का ख्याल रखेंगे जिन लोगों का ये मानना है कि बाबरी मस्जिद की जगह पहले राम मंदिर हुआ करता था और ये जगह राम के जन्म से जुड़ी हुई है। हबीबुद्दीन तुसी ने वादा किया है कि ये जमीन उनको मिल जाने पर वो इस जमीन का ख्याल रखेंगे और इस जमीन पर राम मंदिर बनवाएंगे। साथ में ही मंदिर बनवाने के लिए दान भी करें।

अयोध्या जाकर की पूजा

तुसी हाल ही में अयोध्या गए थे और इस जगह जाकर इन्होंने पूजा की थी। अयोध्या जाकर उन्होंने राम मंदिर तोड़े जाने को लेकर हिंदू लोगों से माफी भी मांगी और कहा कि इस जगह पर राम मंदिर बनने पर वो सोने की ईंट का दान करेंगे। हालांकि साथ में ही तुसी ने ये दावा भी किया कि अयोध्या जमीन पर किसका अधिकार है इससे जुड़े दस्तावेज किसी भी पक्ष के पास नहीं है। तुसी का कहना है कि वो मुगल राज्य के वंशज है इसलिए इस जमीन पर उनका अधिकार है। अगर ये जमीन कोर्ट उन्हें सौंप दे तो वो यहां पर भव्य राम मंदिर के लिए दान देंगे। आपको बात दें कि अयोध्या विवाद को लेकर तुसी ने कोर्ट में एक याचिका भी दायर की है। लेकिन इस याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार किया जाना अभी बाकी है।

गौरतलब है कि अयोध्या में पहले राम मंदिर हुआ करता था। लेकिन मुगल राजा ने इस मंदिर को तुड़वाकर इस जगह पर 1529 में बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया था। जिसके बाद साल 1992 में कई लाखों लोगों ने अयोध्या जाकर बाबरी मस्जिद को गिरा दिया था। जिसके बाद से इस जगह पर मंदिर का निर्माण किए जाने को लेकर कोर्ट में केस चल रहा है।

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