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नहीं रहे पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली, दिल्ली के एम्स में ली आखिरी सांस

पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली का देहांत हो गया। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली लम्बे समय से बीमार चल रहे थे, लेकिन पिछले कई दिनों से उनकी हालत नाजुक बताई जा रही थी। जी हां, अरुण जेटली को दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने आखिरी सांस ली। इतना ही नहीं, अरुण जेटली को देखने के लिए तमाम नेता अस्तपाल पहुँच रहे थे, लेकिन अब वो हमारे बीच नहीं रहे।

पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने दिल्ली में आखिरी सांस ली। उन्हें पिछले कई दिनों से लाइफ सिस्टम पर रखा गया था, लेकिन वो ज़िंदगी की जंग हार गए। बता दें कि अरुण जेटली की तबीयत पिछले साल से ही खराब चल रही है, जिसकी वजह से उन्होंने आखिरी बजट भी पेश नहीं किया था और उस समय वे विदेश में अपना इलाज कराने के लिए गए थे। विदेश में इलाज कराकर वापस आने के बाद उनकी हालत ठीक थी, लेकिन एक बार से उनकी तबीयत बीते दिनों खराब हो गयी थी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने आखिरी सांस ली।

लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा था

बीमारी से ग्रसित होने की वजह से अरुण जेटली ने इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था। उन्होंने कहा था कि हेल्थ को ध्यान रखते हुए अब वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। बता दें कि अरुण जेटली की छवि उन नेताओं में है, जिनकी छवि बिल्कुल साफ है। मतलब साफ है कि अरुण जेटली के राजनीतिक करियर पर कोई दाग नहीं लगा, ऐसे में उनकी छवि बेदाग वाली ही रही। हालांकि, कई बार उनका नाम घोटालों में उछला, लेकिन उसमें भी उन्हें क्लीन चिट मिल गयी थी और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ वे मानहानि के केस में जीत गए थे।

आखिरी बजट नहीं किया था पेश

पूर्व वित्तमंत्री अरुण ने अपने कार्यकाल के आखिरी बजट नहीं पेश किया था, क्योंकि वे अस्वस्थ महसूस कर रहे थे। फरवरी 2019 में उनकी जगह पीयूष गोयल ने बजट पेश किया था, तब सभी को उनकी कमी खली थी। अरुण जेटली जी का जाना भारतीय राजनीति में एक बड़ी क्षति है, जिसकी भरपाई आने वाले कई दशकों में नहीं हो सकती है।

लोकप्रिय नेता रहे अरुण जेटली

अरुण जेटली का नाम उन नेताओं में लिया जाता है, जिनका एक बड़ा जनाधार होता है और वो जनता के बीच लोकप्रिय रहते हैं। बता दें कि अरुण जेटली का रिश्ता विपक्षी नेताओं से भी काफी अच्छा रहा। भले ही अरुण जेटली और विपक्षी नेताओं के बीच कई बार मतभेद देखने को मिला, लेकिन जब भी वे किसी से व्यक्तिगत तौर पर मिलते थे, तब सामान्य रूप से मिलते थे। बता दें कि अरुण जेटली ने बतौर वित्तमंत्री रहते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ढेर सारा काम किया, जिसे देश कभी नहीं भूल पायेगा।

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