रिलेशनशिप्स

हफ्ते के इन तीन दिनों में पति-पत्नी बनाएंगे संबंध तो होने वाली संतान होती है बिगडैल!

भारतीय परम्परा में कोई भी काम करने से पहले उससे जुडी कई चीजों पर बारीकी से नजर राखी जाति है, और फिर आश्वस्त होने के बाद उस काम को किया जाता है. इसके लिये हम अपने शास्त्रों, पुराणों और कई बार ज्योतिष विज्ञान की मदद लेते हैं.

भारत के शास्त्र और पुराण बेहद वैज्ञानिक हैं, आज विज्ञान जिन बातों की पुष्टि कर रहा है उनको पहले ही हमारे ग्रंथों और शास्त्रों में बताया गया. इसी क्रम में कई ऐसी जानकारियां हमारे ज्योतिष शास्त्रों में दी गई हैं जिनपर आज भी विज्ञान में शोध चल रहा है और नतीजा शास्त्रों में बताये गये ज्ञान के अनुरूप ही मिल रहा है.

हिन्दू धर्म में व्यक्ति के जन्म के समय और काल के आधार पर उससे जुडी बहुत सी चीजों का आंकलन लग जाता है, क्योंकि यहाँ समय, काल और परिस्थितियों के आधार पर व्यक्ति के गुण और लक्षण जानने की विधियां हैं.

गर्भ उपनिषद :

गर्भ उपनिषद के माध्यम से जाना जा सकता है कि बच्चे के लक्षण कैसे होंगे. दरअसल गर्भ उपनिषद में बच्चों को जन्म देने से जुडी कई जानकारी दी गई हैं उनमे से एक बेहद अहम् जानकारी यह है कि किस दिन गर्भ धारण करने पर होने वाली संतान का व्यवहार कैसा होता है. उपनिषद में तीन दिनों की चेतावनी दी गई है कि उन दिनों में भूल कर भी गर्भ धारण नही करना चाहिये.

जानिए वो तीन दिन कौनसे हैं और उन दिनों में गर्भ धारण करने के क्या दुष्परिणाम हैं-

गर्भ उपनिषद में गर्भ संस्कार के तहत गर्भ धारण के लिये बताये गये अनुपयुक्त दिनों में मंगलवार, शनिवार और रविवार शामिल किया गया है. माना जाता है कि इन दिनों में गर्भ धारण करने पर होने वाली संतान अच्छी नहीं होती.

मंगलवार :

मंगलवार का स्वामी होता है मंगल ग्रह, और मंगल ग्रह का रंग लाल है. साथ ही उसका स्वाभाव अत्यंत क्रोधी और विनाशकारी माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन के स्वाभाव के कारण इस दिन कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिये, अगर इस दिन कोई स्त्री गर्भ धारण करती है तो ये बेहद अशुभ होगा, पैदा होने वाली संतान स्वाभाव से बहुत गुस्सैल, और घमंडी होगी.जो किसी की बात ना सुने, अपने मन से कुछ भी करे, सबको परेशान करे और जिसके स्वाभाव में ही हिंसा भरी हो. मंगलवार को जन्मे बछोंपर मंगल ग्रह का प्रभाव होता है.

 

शनिवार :

शनिवार गर्भधारण करने पर दिन के अनुसार जन्म लेने वाले बच्चे पर शनि ग्रह का प्रभाव होता है, क्योंकि यह दिन शनि को समर्पित दिन है. इसदिन गर्भ धारण से पैदा होने वाले बच्चे बेहद क्रूर, पापी और कुबुद्धी वाले होते हैं. शनि ग्रह के प्रभाव में पैदा होने वाले बच्चे निराशावादी और नकारात्मक सोच रखते हैं. कई बार ऐसा भी होता है कि ऐसे बच्चे पूरे जीवन रोगों में ही रह जाते हैं. इसलिये शनिवार को स्त्री पुरुष को भूलकर भी संतान प्राप्ति के उद्देश्य से नजदीक नहीं आना चाहिये.

रविवार :

ज्योतिष शास्त्र में ग्रह नक्षत्रों में सूर्य को सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है. माना जाता है कि रविवार को सूर्य देव की पूजा की जाये तो सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. बावजूद इसके इस दिन स्त्री पुरुष को संतान प्राप्ति के उद्देश्य से सम्भोग नहीं करना चाहिये. अगर इस दिन पति पत्नी शारीरिक सम्बन्ध बनाते हैं तो उसे पाप माना जाता है. भले ही वो संतान प्राप्ति के लिये क्यों ना हो. इसलिये इस दिन सम्भोग से बचना चाहिये.

इस दिन संतान की प्राप्ति के लिये सूर्य भगवान से प्रार्थना करना सुभ होता है, लेकिन स्त्री के गर्भ धारण करने पर सूर्य देव नाराज हो जाते हैं और उनका प्रकोप झेलना पड़ता है. इस दिन गर्भ धारण करने से जन्मी संतान क्रोध, ईर्ष्या और स्वाभाव से हर पर गुस्से में रहने वाली होती है

गर्भधारण करने के लिये शुभ दिन :

गर्भ धारण करने के लिये मंगलवार, शनिवार और रविवार के अलावा बाकी के चारों दिन सोमवार, बुधवार, गुरुवार, और शुक्रवार शुभ माने जाते हैं, इन दिनों में गर्भ धारण से जन्मी संतान गुणी, आज्ञाकारी और सेहतमंद होती है.

भारतीय काल गणना और हिन्दू शास्त्रों के अनुसार अगले दिन की शुरुआत रात के 12 बजे से नहीं होती जबकि सूर्योदय के बाद होती है. इसलिये 12 बजे के बाद दिन बदलना समझकर सम्भोग और पुत्रप्राप्ति के के लिये नजदीक आना हानिकारक हो सकता है. अच्छा यही होगा की कुछ देर और इंतजार कर लें.

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