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आर्टिकल 370 को लेकर मोदी सरकार का एतिहासिक फैसला, अमित शाह ने राज्यसभा में किया ये एलान

पिछले कुछ दिनों में जम्मू और कश्मीर में बड़ा अफरातफरी का माहोल चल रहा हैं. सरकार ने अमरनाथ यात्रा को आए सभी लोगो को भी घर वापसी का बोल दिया था. इसके अलावा वहां भारी मात्रा में सेना भी तैनात की गई. ऐसे में विपक्ष सहित देश के कई लोगो के मन में यही सवाल उठ रहा था कि आखिर कश्मीर को लेकर मोदी सरकार के मन में क्या चल रहा हैं. इस बात का खुलासा आज राज्यसभा में हो गया हैं. यहाँ करीब 11 बजे गृह मंत्री अमित शाह ने आर्टिकल 370 को लेकर एक बिल पेश किया हैं. इस बिल के तहत उन्होंने आर्टिकल 370 को जम्मू कश्मीर से हटाने की पेशकश की हैं.

मोदी सरकार की आर्टिकल 370 हटाने की पेशकश

अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि हमारे पास चार संकल्प और बिल हैं और ये चारो ही कश्मीर मुद्दे पर हैं. आमिर शाह ने बताया कि वे इस बिल के तहत अनुच्छेद 370 (1) के अलावा सभी खंड राष्ट्रपति के अनुमोदन के अलावा खत्म होंगे. उन्होंने ये भी कहा कि जिस दिन राष्ट्रपति गैजेट नोटिफिकेशन एक्सेप्ट कर लेंगे उस दिन के बाद संविधान के आर्टिकल 370 (1) के अतिरिक्त और कोई खंड लागू नहीं होगा. आसान शब्दों में कहे तो ये पूरा बिल जम्मू और कह्स्मिर से आर्टिकल 370 हटाने की एक पेशकश हैं.

विपक्ष ने किया हंगामा

हालाँकि जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने की शाह की ये सिफारिश विपक्ष दलो के गले नहीं उतरी. बता दे कि अमित शाह सदन में जैसे ही अपनी बात रखने के लिए खड़े हुए थे तो कांग्रेस के लोगो ने जमकर हंगामा किया था. कई देर तक उन्हें बोलने भी नहीं दिया था. हालाँकि जब उन्होंने आर्टिकल 370 हटाने की बात कही तो विपक्ष ने राज्यसभा में जमकर हंगामा कर दिया. इसमें कांग्रेस नेता गुलाब नबी आजाद सबसे ज्यादा विरोध प्रकट करते नज़र आए.

लद्दाख होगा जम्मू कश्मीर से अलग

साथ ही ये भी कहा गया कि जम्मू कश्मीर को अब से केंद्र शासित राज्य का दर्जा मिलेगा. इस पर विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार ने इस बात की जानकारी बिल में नहीं दी. इसके अलावा एक बड़ी खबर ये भी हैं कि लद्दाख अब जम्मू कश्मीर का हिस्सा नहीं होगा. इसे अलग कर दिया गया हैं. लद्दाख अब केंद्र शासित होगा.

यक़ीनन मोदी सरकार का ये एक बड़ा फैसला हैं हालाँकि इसके पूरी तरह से लागू होने में अभी कुछ कागजी कारवाई और समय लग सकता हैं. वैसे एक बात ये भी तय हैं कि मोदी सरकार के इस नए बिल से विपक्ष बड़ा नाराज़ हैं. वो लगातार इस बात को लेकर हंगामा कर रहा हैं.

क्या हैं आर्टिकल 370?

जिन लोगो को इस आर्टिकल के बारे में जानकारी नहीं उन्हें बता दे कि इस आर्टिकल के तहत जम्मू कह्स्मिर को एक विशेष अधिकार प्राप्त हो जाता हैं. अर्थात इस अनुच्छेद के अनुसार भारतीय संसद जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रों-रक्षा, विदेश मामले और संचार संबंधित सिर्फ 3 मामलो में ही हस्तक्षेप कर सकती हैं. इसके अलावा किसी और अन्य कानून को यदि केंद्र सरकार बनाती हैं तो उसे लागू करने के पूर्व राज्य सरकार की अनुमति लेना होती हैं. लेकिन आर्टिकल 370 हटने के बाद ऐसा नहीं होगा.

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