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वायरल हो रही इस भारतीय जवान की असली कहानी, जम्मू-कश्मीर में इस वजह से है तैनात

जम्मू-कश्मीर में रहने वाले हमेशा खौफ के साएं में रहते हैं कि कब उनके ऊपर आतंकियों का हमला हो जाए या सेना-आतंकियों के बीच चल रही लड़ाई का निशाना वे ना बन जाएं। हर तरफ खौफ में जीने के कारण भी वे जान पर खेलकर भारत वासियों की रक्षा करते हैं इसलिए ही हम सभी अपने भारतीय सैनिकों को सलाम करते हैं। पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें एक सैनिक सड़क के बीचोबीच कुर्सी डालकर बैठा है और हाथ में बंदूक लिए है। मगर अब सामने आई वायरल हो रही इस भारतीय जवान की असली कहानी, आखिर क्या है इस तस्वीर की कहानी चलिए बताते हैं।

वायरल हो रही इस भारतीय जवान की असली कहानी

ये तस्वीर पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर जोरों से वायरल हो रही है। कई लोग इसे बारूदी सुरंग मिलने के कारण अमरनाथ की यात्रा रोके जाने के बाद भारतीय सेना की कार्यवाही से जोड़कर बता रहे हैं तो कुछ लोग इसके पीछे की कुछ और ही कहानी पेश कर रहे हैं। वहीं कुछ लोगों ने तो इस तस्वीर को ये लिखकर शेयर किया, ‘कश्मीर में पत्थरबाजों के बीच घिरे इस भारतीय सेना के जवान से हमें सीख लेने की जरूरत है कि कैसे विपरीत सिचुएशन का हमें डटकर सामना करना चाहिए और अपनी खुद्दारी को कभी खोना नहीं चाहिए।’ जब ये खबर लिखी है तब तक इस तस्वीर को लाखों लोगों ने शेयर कर लिया और अपनी अपनी भाषाओं में कुछ ना कुछ लिखा है। इसके अलावा व्हाट्सएप, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर भी ये तस्वीर धड़ाधड़ शेयर हो रही हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ये तस्वीर कश्मीर के बड़गाम जिले के रहने वाले फैसल बशीर ने खींची थी और इस तस्वीर को 2 अगस्त, 2019 को ली गई थी फैसल बशीर अनंतनाग जिले में स्थित एक सरकारी डिग्री कॉलेज में पढ़ते हैं। वे वहां से बीए मास कॉम कर रहे हैं। ये तस्वीर उस समय की है जब कश्मीर के शोपियां में भारतीय सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई और ये काफी लंबे समय तक चलने वाला एनकाउंटर था और फैसल बशीर अनंतनाग से शोपियां आए हुए थे। फैसल ने बताया लगभग दिन के डेढ़ बजे उस समय एनकाउंटर चल रहा था। गन शॉट की आवाजें भी आ रही थीं और गलियां एनकाउंटर वाली जगहों की ओर जा रही थीं हर ओर नाकेबंदी थी। बशीर के मुताबिक जिस भारतीय सैनिक की ये तस्वीर वायरल हो रही है वो दरअसल एनकाउटंर साइट से थोड़ा दूर हटकर नाकेबंदी के पास मौजूद था। उनका काम वहां के कुछ लोकर जो भारतीय सरकार के फैसले का विरोध कर रहे थे उन्हें रोकना था।

फैसल ने आगे बतााय कि जिस समय ये तस्वीर उन्होंने ली थी उस समय स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप का एक सैनिक सड़क के बीच कुर्सी डाले बैठा था और उस समय सैनिक के हाथ में एक ऑटोमैटिक बंदूक थी, जिसे दिखाकर वो लोकर प्रदर्शनकारियों को एनकाउंटर की तरफ जाने से रोक रहा था।

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