विशेष

लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में तीन तलाक बिल हुआ पास, राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद बनेगा नया कानून

मुस्लिम महिलाओं के लिए लंबे समय तीन तलाक पर चल रही लड़ाई आखिरकार खत्म हुई। फैसला महिलाओं के हक में आया और अब अगर किसी मुस्लिम पुरुष ने अपनी पत्नी को बिना उसकी मंजूरी के तलाक दिया या उसे मंजूर किया तो उसकी खैर नहीं है। अगस्त, 2017 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बिल दो बार लोकसभा में पास हुआ लेकिन राज्यसभा में हर बार अटक जाता था। इस बार 25 जुलाई को लोकसभा से पास हुआ और 5 दिन बाद ही राज्यसभा में वोटिंग हुई। लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में तीन तलाक बिल हुआ पास, चलिए बताते हैं इसके बारे में।

लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में तीन तलाक बिल हुआ पास

Triple talaq muslim with BJP

लोकसभा के बाद राज्यसभा में तीन तलाक बिल मंगलवार यानी 30 जुलाई को पास हो गया। वोटिंग के दौरान खूब बहस हुई और 84 लोग विरोध में थे लेकिन पक्ष में 99 लोग थे। ये केस अगस्त, 2017 से चल रहा था इसके 2 साल बाद ही ये बिल 2 बार लोकसभा से पारित होकर भी राज्यसभा में अटक जाता था। आम चुनाव के बाद तीसरी बार ये विधेयक 25 जुलाई को लोकसभा से पारित हो गया था और इसके 5 दिन बाद ही राज्यसभा से भी पारित हो गया। अब राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ये नया कानून बनाया जाएगा। तीन तलाक के दोषी पुरुष को 3 साल की सजा होगी और पीड़ित महिलाएं अपने और नाबालिग बच्चों के लिए गुजारे भत्ते की मांग भी कर सकती हैं। बिल में 3 साल की जा के प्रावधान का कांग्रेस ने विरोध किया और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजादी ने कहा कि 3 साल की सजा का प्रावधान बिल्कुल उसी तरह है जैसे किसी को अपमानित करने या धमकाने के जुर्म में जेल भेजा जा रहा है, इसलिए हम इस बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजना चाहते थे।

राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास होने के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए महिलाओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि पूरे देश के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है और आज करोड़ों मुस्लिम माताओं-बहनों की जीत हुई । उन्हें सम्मान से जीने का हक है और सदियों से तीन तलाक की कुप्रथा से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को आज न्याय मिल ही गया।

क्या कहना है कानून मंत्री का ?

विपक्ष की इस आपत्ति पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद कहते हैं कि दहेज विरोधी कानून और बहुविवाह रोकने से जुड़े कानूनों में हिंदु पुरुषों को जेल भेजा जाता है तो तीन तलाक के दोषी पुरुषों भी सजा के हकदार हैं। उन्होंने कहा, ”तीन तलाक बिल लैंगिक समानता औक महिलाओं के सम्मान का मामला रहा है और तीन तलाक कहकर जो लोग बेटियों को छोड़ देते थे वो सही नहीं था। लोकसभा बिल के पक्ष में 303 और विरोध में 82 वोट पड़े थे।

Back to top button