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जिसकी वजह से फिल्मों में आये अमिताभ बच्चन, उसी के साथ किया ऐसा बर्ताव कि मरते दम तक नहीं भूले

बॉलीवुड में जब भी दिग्गज कलाकारों की बात होती है अमिताभ बच्चन का नाम सबसे ऊपर आता है. अमिताभ को बॉलीवुड का महानायक और शहनशाह भी कहा जाता है. वह अपने अभिनय का लोहा हर फिल्म में मनवाते हैं. अब तक सैकड़ों फिल्मों में अभिनय कर चुके अमिताभ बच्चन ने देश नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी एक अलग पहचान बनाई है. आज विदेश में भी उनकी बड़ी फैन फॉलोइंग हैं. बच्चों से लेकर बड़ों के पसंदीदा कलाकारों में बिग बी का नाम जरूर शामिल होता है. 76 साल की उम्र में आज भी महानायक बॉलीवुड के नए एक्टर्स को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. लेकिन आज हम आपको उस शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे अमिताभ बच्चन अपना दूसरा पिता मानते थे. लेकिन एक बार कुछ ऐसा हुआ जिसने उस शख्स को अंदर से झकझोर कर रख दिया.

दरअसल, अमिताभ बच्चन को फिल्मों में काम महमूद की वजह से मिला था. महमूद हिंदी फिल्म जगत के मशहूर कॉमेडियन थे. अपन ज़माने में वह फिल्म स्टारों से भी ज्यादा फेमस हुआ करते थे. उन्हें फिल्म करने के लिए मुख्य कलाकारों से भी ज्यादा फीस दी जाती थी. डायरेक्टर्स फिल्म को हिट करने के लिए फिल्म के पोस्टर में जरूर उनकी फोटो डालते थे. महमूद के नाम भर से ही दर्शकों का हुजूम सिनेमाघर पहुंच जाया करता था. महमूद अपने हेल्पिंग नेचर के लिए भी जाने जाते थे. उन्होंने कई सितारों का करियर चमकाया और उन्हीं में से एक थे अमिताभ बच्चन. 23 जुलाई 2004 को महमूद का निधन हो गया.

इस बात का था महमूद को दुख

जैसा कि हमने आपको बताया अमिताभ महमूद को अपना पिता मानते थे और महमूद अमिताभ को अपना बेटा. ऐसे में एक इंटरव्यू के दौरान महमूद ने कहा, “आज मेरे बेटे के पास फिल्मों की लाइन लगी है. जिस आदमी के पास सक्सेस होती है उसके दो पिता होते हैं. एक जिसने पैदा किया, दूसरा जिसने उसे सफलता दिलाई. मैंने उसकी बहुत मदद की. फिल्मों में काम दिलाया. उसे अपने घर में रहने को जगह दी”. आगे उन्होंने कहा, “वैसे तो अमित मुझे बहुत सम्मान देता है. लेकिन उसकी एक हरकत से बहुत धक्का लगा. जब उसके पिता हरिवंश राय बच्चन गिर गए थे तो मैं उन्हें देखने अमित के घर गया था. लेकिन जब मेरी बाईपास सर्जरी हुई तो अमिताभ अपने पिता के साथ ब्रीच कैंडी अस्पताल तो आया लेकिन उसने मुझसे मुलाकात नहीं की. अमिताभ ने साबित कर दिया कि कौन असली पिता है और कौन नकली पिता”.

महमूद की वजह से मिला लीड रोल

जब महमूद का निधन हुआ तब अमिताभ ने लिखा, “एक एक्टर के तौर पर स्थापित करने में उन्होंने हमेशा मेरी मदद की. महमूद भाई उन लोगों में से थे जिन्होंने करियर के शुरूआती दिनों में मेरी काफी मदद की. वह पहले प्रोड्यूसर थे जिनकी वजह से मुझे फिल्म में मुझे लीड रोल करने का मौका मिला. जब फिल्म फ्लॉप हुई तो मैंने घर वापस जाने का मन बनाया. लेकिन तब महमूद साहब के भाई अनवर ने मुझे घर जाने से रोका”.

महमूद की वजह से स्टार बने अमिताभ

महमूद की इच्छा था कि फिल्म ‘बॉम्बे टू गोवा’ के गाने ‘देखा ना हाय रे सोचा ना’ पर अमिताभ डांस करें लेकिन अमिताभ को डांस नहीं आता था. अमिताभ ने यह कहकर मना कर दिया कि, “भाई जान मुझसे डांस नहीं हो पायेगा. मुझे नाचना नहीं आता”. लेकिन महमूद ने अमिताभ से कहा, “जो चल सकता है वह नाच भी सकता है”. अमिताभ ने काफी मिन्नतें भी की लेकिन महमूद नहीं माने और उनसे डांस करवाया. बाद में यह गाना सुपरहिट साबित हुआ और इस गाने से अमिताभ को पहचान मिली.

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