राजनीति

गणतंत्र दिवास की परेड में पहली बार शामिल हुआ NSG और यूएई की सेना!

शनिवार को देश ने लोकतंत्र के महापर्व का 68वां उत्सव मनाया. इस मौके पर दिल्ली के विजय चौक से लालकिले तक भारत की सैन्य ताकत और सांस्कृतिक विविधता की झांकियां देखने को मिलीं. 92 मिनट की परेड में सेना और अर्धसैनिक बलों के साथ भारत की सबसे बेहतरीन फोर्स ने पहली बार हिस्सा लिया.

NSG ने भी परेड में हिस्सा लिया :

इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रिय सुरक्षा बल यानी कि NSG ने भी परेड में हिस्सा लिया. NSG के सैन्य दस्ते में 140 जवानों ने हिस्सा लिया और राष्ट्रपति को सलामी देते हुये विजय चौक से लाल किले तक तक का सफ़र तय किया.

NSG के जवान कदम कदम बढ़ाये जा के संगीत पर परेड करते हुये आगे बढे, वो सर से लेकर पांव तक काली कमांडो ड्रेस में थे जिनमें सिर्फ उनकी आंखे ही दिख रही थीं. उनके हाथों में एमपी5 स्पेशल असॉल्ट राइफल थी और वो अपनी दक्षता दिखाते हुये आगे बढे. ये नजारा बेहद शानदार था, जिसे देखते ही गर्व से सीना चौड़ा हो रहा था.

NSG के कमांडो दस्ते में हाईजैक की रोकथाम के लिये विशेष रूप से तैयार किये गये वहान और अपहरण रोधी अभियान में प्रयोग की जाने वाली दो विशेष जिप्सियां भी शामिल थीं.

यूएई की सेना परेड में हिस्सा लिया :

इसके अलावा यूएई की सेना ने भी गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लिया, ऐसा पहली बार हुआ जब यूएई की सेना की कोई टुकड़ी 26 जनवरी के मौके पर भारत में परेड का हिस्सा बन रही थी. यूएई की सैन्य टुकड़ी ने अपने देश के झंडे के साथ परेड में हिस्सा लिया उनके दल में 149 जवान शामिल थे जिनका नेतृत्व 35 सदस्यीय एक म्यूजिक बैंड दल कर रहा था.

परेड दस्तों और झांकियों की थीम भारत की अखंड संस्कृति और एकता के बीच विविधताओं की विरासत थी, झाकियों में आधुनिक युग में भारत की उपलब्धियों के बारे में और सेना की क्षमताओं का भव्य प्रदर्शन हुआ.

भारतीय परम्परा के मुताबिक पीएम मोदी ने सुबह पहले अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की उसके बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने तिरंगा फहराया, राष्ट्रगान हुआ और 21 तोपों की सलामी दी गई. असमान से हेलीकॉप्टर्स के जरिये पुष्पवर्षा की गई. इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में भारत के मुख्या अतिथि अबु धाबी के प्रिन्स क्राउन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान थे.

राष्ट्रपति द्वारा झंडा फहराने के बाद परेड की शुरुआत हुई और तीनो सेनाओं के अलावा सभी अर्द्धसैनिक दलों ने परेड में भाग लिया. 17 राज्यों ने और 6 मंत्रालयों ने अपनी झांकी प्रस्तुत की. साथ ही राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार प्राप्त 40 बच्चों ने भी एक झांकी निकली.

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