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देश भर में 68वें गणतंत्र दिवस की धूम!

26 जनवरी 1950 भारतीय इतिहास की एक महत्वपूर्ण तारीख है क्योंकि भारत का संविधान, इसी दिन अस्तित्व मे आया था और इसी दिन भारत पूर्ण गणतंत्र देश बना. भारत का संविधान किसी भी देश का लिखित सबसे बङा संविधान है. संविधान निर्माण की प्रक्रिया में 2 वर्ष, 11 महिना, 18 दिन लगे थे. भारतीय संविधान के निर्माताओं ने विश्व के अनेक संविधानों के अच्छे लक्षणों को अपने संविधान में आत्मसात करने का प्रयास किया है. देश को गौरवशाली देश बनाने में जिन देशभक्तों ने अपना बलिदान दिया उन्हें 26 जनवरी के दिन याद किया जाता और उन्हें श्रद्धाजंलि दी जाती है.

देश गुरुवार को 68वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. यह उत्सव राजधानी दिल्ली समेत पूरे देश में हर्षोल्लास और देशभक्ति की भावना के साथ मनाया जा रहा है. आज के दिन दिल्ली के राजपथ में विशेष गणतंत्र दिवस परेड का आयोजन किया जाता है. ऐतिहासिक राजपथ पर विशेष इंतजाम किये गए हैं. अबुधाबी के राजकुमार मोहम्मद बिन जायेद को गुरुवार को भारत के गणतंत्र दिवस समारोह का मुख्य अतिथि बनाया गया है. इसके अलावा पहली बार परेड में संयुक्त अरब अमीरात के 144 जवानों का दस्ता भी सेना के जवानों के साथ परेड में नजर आया.

कहां मनाया पहला गणतंत्र दिवस :

– 26 जनवरी 1950 को डॉ.राजेन्द्र प्रसाद ने गवर्नमेंट हाउस के दरबार हाल में भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। इर्विन स्टेडियम में झंडा फहराया गया. यही पहला गणतंत्र दिवस समारोह था.

  • गणतंत्र दिवस मनाने का वर्तमान तरीका 1955 में शुरू हुआ। इसमें साल पहली बार राजपथ पर परेड हुई.
  • परेड के पहले मुख्य अतिथि पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद थे
तिरंगे के रंग में रंगा बुर्ज खलीफा :

दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा भारत के गणतंत्र दिवस की पूर्वसंध्या पर बुधवार को तिरंगे के रंग में रंगा नजर आया. बुर्ज खलीफा दो दिनों तक तिरंगे के रंग में रंगा दिखाई देगा. अबुधाबी के राजकुमार मोहम्मद बिन जायेद को मुख्य अतिथि बनाए जाने के बाद बुर्ज खलीफा का यह नया रूप सामने आया है.

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