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1983 का वर्ल्ड कप जितने वाली भारतीय टीम को मिलती थी सिर्फ इतनी सी सैलरी

2019 का क्रिकेट वर्ल्ड कप इंग्लैंड ने हासिल किया हैं. इस बार भारत ने कोशिश तो पूरी की थी लेकिन सेमी फाइनल में उनकी गाड़ी अटक गई. खैर आज हम आपको एक ऐसी दिलचस्प जानकारी बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आप में से कई लोग नहीं जानते होंगे. यदि आक क्रिकेट के सच्चे फैन हैं तो आपको जरूर पता होगा कि साल 1983 का वर्ल्ड कप भारत ने जीता था. इस दौरान कपिल देव इंडियन टीम के कप्तान थे. लेकिन क्या आप ये बात जानते हैं कि इस वर्ल्ड कप को जितने के बाद सभी खिलाड़ियों को कितनी सैलरी मिली थी? आज वर्तमान की बात करे तो टीम में सभी प्लेयर्स को लाखो से लेकर करोड़ो रुपए तक की सैलरी मिलती हैं. हालाँकि उस जमाने में हालत काफी अलग थे. जब आप इन खिलाड़ियों की मासिक सैलरी के बारे में जानेंगे तो हैरान रह जाएंगे.

दरअसल इन दिनों इंटरनेट पर एक फोटो बड़ी ही तेजी से वायरल हो रही हैं. इस तस्वीर को Makarand Waingankar नाम के एक क्रिकेट जर्नलिस्ट ने अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया हैं. यह तस्वीर एक पेपर की हैं जिसमे 1983 के सभी इंडियन क्रिकेट प्लेयर्स के नाम, सैलरी और सिग्नेचर हैं. आपको जान हैरानी होगी कि साल 1983 में भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों को मात्र 2100 रुपए महिना मिलता था. दिलचस्प बात ये हैं कि कप्तान से लेकर बॉटम नंबर के खिलाड़ियों तक सभी का मासिक वेतन एक समान ही था. Makarand Waingankar ने इस फोटो को ट्वीट कर कैप्शन में लिखा “हर एक खिलाड़ी 10 करोड़ डिजर्व करता हैं.” जरा पहले आप इस तस्वीर को ध्यान से पढ़ लीजिये. फिर हम आपको इससे संबंधित कुछ और दिलचस्प बातें बताते हैं.

1983 में क्रिकेटर की सैलरी वाली ये फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने लगी. इस पर आम नागरिको ने तो रियेक्ट किया ही लेकिन साथ में पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. बता दे कि बेदी साहब उस दौरान टीम इंडिया के मेनेजर हुआ करते थे. उन्होंने इस ट्वीट पर जवाब देते हुए पुष्टि करी कि और कहा ‘हाँ लड़को (खिलाड़ियों) को इतनी सैलरी मिलती थी लेकिन मेनेजर को नहीं.‘ शायद उनका इशारा था कि मेनेजर को इससे भी कम सैलरी मिलती थी.

चलिए अब आपको बताते हैं कि सोशल मीडिया पर जनता ने क्या प्रतिक्रिया दी. एक यूजर ने कहा कि “शर्मनाक! ये सभी इससे कही ज्यादा डिजर्व करते हैं.” फिर दुसरे यूजर ने समझाईस देते हुए कहा कि “हम यहाँ 1983 की बात कर रहे हैं. उस जमाने के 2100 भी आज के 30000 के बराबर हैं.” इसके बाद एक व्यक्ति ने अंदर की सच्चाई बताते हुए कहा कि “उस जमाने में बीसीसीआई के पास इतना बजट नहीं होता था. हालाँकि जब इंडिया वर्ल्ड कप जीती तो उन्होंने लता मंगेशकर का एक कंसर्ट रखवाया और फंड के जरिए 20 लाख रुपए एकत्रित किए. इसके बाद सभी खिलाड़ियों को एक – एक लाख रुपए दिए गए थे.” कुछ लोग इस बात से भी नाराज हुए कि कप्तान और बाकी लोगो की सैलरी एक जैसी ही थी.

वर्तमान की बात करे तो हालात काफी बदल गए हैं. अब खिलाड़ियों को मोटी फीस के साथ और भी कई तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं.

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