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47 की उम्र और दो बच्चों की माँ होने के बावजूद वेट लिफ्टिंग में जीते 4 गोल्ड मैडल, जाने कैसे

45 की उम्र पार करने के बाद लोग अपनी फिजिकल एक्टिविटी को भी कम करते जाते हैं. ये उम्र का ऐसा पढ़ाव होता हैं जब लोग भारी वजन नहीं उठाते हैं और पसीना बहाने लायक कोई मेहनत का काम करना भी पसंद नहीं करते हैं. अधिकतर इस उम्र के लोग एक आरामदायक जीवन जीना ही पसंद करते हैं. हालाँकि 47 साल की भावना टोकेकर का हिसाब किताब या कहे इरादे थोड़े अलग हैं. वे जब 40 की हुई तो उन्होंने वेट लिफ्टिंग (वजन उठाना) की ट्रेनिंग लेना शुरू की थी. इसके बाद हाल ही में 47 साल की उम्र में उन्होंने इंटरनेशनल लेवल पर देश के लिए एक या दो नहीं बल्कि पुरे 4 गोल्ड मैडल जित सबका सीना गर्व से चोड़ा कर दिया.

दरअसल हाल ही में रूस में ‘ओपन एशियन पावरलिफ्टिंग चैम्पियनशिप ऑफ AWPC/WPC’ का आयोजन हुआ था. इसी में भाग लेने के बाद भावना ने चार मैडल हासिल किये. भावना मूल रूप से पुणे की रहने वाली हैं और दो बच्चों की माँ भी हैं. इस उम्र में महिलाएं घर में हाउस वाइफ बनकर रहना पसंद करती हैं लेकिन भावना जिंदगी में कुछ और करना चाहती थी. भावना के पति की बात करे तो वे इंडियन एयरफोर्स में पायलट हैं.

चलिए अब आपको बताते हैं कि आखिर भावना इस वेट लिफ्टिंग की फिल्ड में कैसे आ गई. हुआ ये कि 41 साल की उम्र में भावना ने खुद की ताकत बढ़ाना चाहि इसलिए उन्होंने ट्रेनिंग लेना स्टार्ट कर दिया. इसके लिए इंडियन एयरफोर्स की बॉडी बिल्डिंग टीम ने भी उनकी मदद की. चुकी वेट लिफ्टिंग के दौरान घायल होने का रिस्क भी रहता हैं इसलिए भावना ने पहले इस टॉपिक के ऊपर इन्टरनेट पर रिसर्च करना शुरू कर दिया.

भावना उस दौरान अधिक समय घर पर ही बिताया करती थी ऐसे में इस समय का फायदा उठाकर उन्होंने वेट लिफ्टिंग के बारे में इंटरनेट पर बहुत सी जानकारियाँ हासिल करना शुरू कर दिया. यूट्यूब पर कई विडियो देखे, ढेरो आर्टिकल्स भी पढ़े. इसके बाद 6 साल तक इंडियन एयरफोर्स की बॉडी बिल्डिंग टीम के मार्गदर्शन में बहुत मेहनत की. इसके बाद एक दिन भावना को इस प्रतियोगिता के बारे में इन्स्टाग्राम से जानकारी पता लगा, तो उन्होंने इसमें भाग ले लिया.

इस पुरे समय भावना को अपने पति जीपी कैप्टन एस टोकेकर का पूरा सपोर्ट रहा. बल्कि उनके हस्बैंड तो भावना के साथ ही ट्रेनिंग किया करते थे. ये दोनों एक साथ हाफ मैराथन रेस का हिस्सा भी रह चुके हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जिस प्रतियोगिता में भावना ने चार स्वर्ण पदक जीते हैं उसमे करीब 500 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था. इनमे से 14 खिलाड़ी भारतीय थे. इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य सभी एथलीट्स को एकत्रित कर अपना टेलेंट दिखने का अवसर प्रदान करना था.

सोशल मीडिया पर भावना के जज्बे और टेलेंट की खूब तारीफ़ हो रही हैं. लोगो को यकीन नहीं हो रहा हैं कि भावना ने 47 वर्ष की उम्र में ये काम कर दिखाया हैं. सच में यदि आप एक बार मन बनाकर कुछ करने का ठान लो तो किसी भी लक्ष्य को हैसल किया जा सकता हैं. भावना इसकी जीती जगती मिसाल हैं.

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