राजनीति

सपा की 94% फण्डिंग के पीछे कौन?, राजनैतिक पार्टियों की 69% कमाई अज्ञात स्रोतों से!

राजनैतिक दलों की फण्डिंग और कमाई पर हमेशा सवाल उठते रहे हैं, यूपी समेत पांच विधानसभाओं के चुनाव नजदीक हैं ऐसे में एक बार फिर राजनैतिक दलों की फण्डिंग सवालों के घेरे में है.

नेशनल इलेक्शन वॉच ने चुनावों पर अपनी सर्वे रिपोर्ट जारी की है, इस रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2004-05 से 2014-15 के बीच राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों की कुल कमाई 11,367.34 करोड़ रुपये रही.

राजनैतिक पार्टियों की 69% कमाई अज्ञात स्रोतों से :

रिपोर्ट के मुताबिक राजनैतिक पार्टियों की 69% कमाई ऐसी जगह से होती है जिसके बारे में कोई जानकारी नहीं होती, यानि की पार्टियों की कुल कमाई का लगभग 69% हिस्सा अज्ञात स्रोतों से आता है, रिपोर्ट के मुताबिक राजनैतिक पार्टियों की 11,367.34 करोड़ रुपये की कमाई में मात्र 16% ही ज्ञात दाताओं से मिला है वहीं 15% कमाई दूसरे स्रोतों से हुई.

रिपोर्ट में चौंकाने वाली बात यह है कि 2004-05 से 2014-15 के दौरान राष्ट्रीय दलों की आय 313% बढ़ी है, जबकि क्षेत्रीय दलों की कुल आय 652% बढ़ी है.

नेशनल इलेक्शन वॉच के संस्थापक जगदीप छोकर का मानना है कि राजनीतिक दलों को आरटीआई के दायरे में लाना जरूरी है ताकि उन्हें पारदर्शी और जवाबदेह बनाया जा सके. इसके अलावा राजनीतिक दलों के बही-खातों की ऑडिटिंग भी होनी चाहिए.

उनका मानना है कि नोटबंदी से आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान काले धन को रोकने में मदद नहीं मिलेगी, काले धन को रोकने के लिए उसके स्रोत को रोकना होगा.

रिपोर्ट के मुताबिक अज्ञात स्रोंतों से आय के मामले में यूपी की समाजवादी पार्टी सबसे आगे है, सपा की लगभग 94% आमदनी अज्ञात स्रोतों से है. वहीं पंजाब के अकाली दल की 86% आमदनी अज्ञात स्रोतों से है. जबकि कांग्रेस इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर है, कांग्रेस की 83% फंडिंग अज्ञात स्रोतों से होती है. इसके अलावा बीजेपी की कुल आमदनी का 65% हिस्सा अज्ञात स्रोतों से है.

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