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समाजवादी पार्टी की नई लिस्ट, लखनऊ कैंट से मुलायम की दूसरी बहू अपर्णा यादव मैदान में!

मुलायम सिंह यादव के परिवार की एक और सदस्य अब सक्रीय राजनीति में आ गई हैं. जी हॉं, समाजवादी पार्टी की तीसरी लिस्ट में अखिलेश यादव ने अपने सौतले भाई प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा यादव को लखनऊ कैंट से टिकट दिया है. प्रदेश अध्यक्ष नरेश चंद्र उत्तम ने सोमवार को 37 प्रत्याशियों की सूची जारी की. इसके साथ ही तीन प्रत्याशियों के नाम में बदलाव भी किया गया है.

अपर्णा यादव पहली बार सुर्खियों में :

अपर्णा यादव का सियासी करियर समाजवादी पार्टी से शुरू तो हो गया लेकिन राह कांटों से भरी दिख रही है, क्योंकि बीजेपी ने लखनऊ कैंट सीट से रीता बहुगुणा जोशी का नाम आगे किया है जो पिछले चुनाव में यहीं से जीती थीं. अपर्णा के लिए राहत बस इतनी सी है कि रीता बहुगुणा जोशी ने कांग्रेस में रहते हुए ये सीट जीती थी और वही कांग्रेस अब अखिलेश की समाजवादी पार्टी के साथ है. वैसे मुलायम परिवार में पिछले दिनों जो कुछ हुआ, उसको देखते हुए अपर्णा के लिए पार्टी का टिकट मिलना भी बड़ी बात माना जा रहा है.

अपर्णा यादव ने सियासत में खलबली मचा दी :

अपर्णा यादव पहली बार सुर्खियों में तब आयी थीं जब साल 2014 में उन्होंने अखिलेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि यूपी में केवल भौकाल मंत्रालय काम करता है. उसके बाद पीएम मोदी की तारीफ करके और गृह मंत्री राजनाथ सिंह के पैर छूकर अपर्णा यादव ने सियासत में खलबली मचा दी थी.

एक बच्चे की मां अपर्णा अपना एनजीओ चलाती हैं, उन्होंने मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी से राजनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में पोस्ट ग्रैजुएशन किया है और वह एक प्रशिक्षित गायिका हैं. उनके पति प्रतीक, मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बेटे हैं जो रियल एस्टेट और जिम का कारोबार चलाते हैं. अपर्णा के बारे में कहा जाता है कि वो नापतोल करके राजनीति करने में यकीन रखती हैं. पिछले दिनों सैफई परिवार औऱ समाजवादी पार्टी में जो कुछ हुआ, उसमें अपर्णा यादव अपनी तरफ से एक शब्द नहीं बोलीं. लेकिन मुलायम सिंह के करीबी जताने का अपर्णा ने मौका भी नहीं चूका.

बताया जाता है कि फिलहाल यादव परिवार के करीब 21 सदस्य राजनीति में अलग अलग पदों पर कार्यरत हैं. अपर्णा चुनावी मैदान में उतरने के साथ ही अब 22वीं सदस्य बन गई हैं. अखिलेश के करीबियों का मानना है कि अपर्णा यादव की राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं अखिलेश की जगह सपा का चेहरा बनने की हैं और आगे चलकर वह यूपी मुख्यमंत्री की उम्मीदवार के रूप में भी खुद को देखती हैं.

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