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शपथ ग्रहण के बाद स्पीकर के पैर छूने पर बोलीं नुसरत जहां- ‘मैंने वही किया, जो मुझे…’

17वीं लोकसभा की सबसे खूबसूरत सांसद में शुमार नुसरत जहां अक्सर किसी न किसी वजह से सुर्खियों में छाई ही रहती हैं। जी हां, नुसरत जहां कभी अपने पहनावे को लेकर, तो कभी अग्रेसिव रवैये को लेकर तो अब स्पीकर के पैर छूने को लेकर चर्चा में छाई हैं। नुसरत जहां ने जब सांसद की शपथ ली तब उन्होंने स्पीकर के पैर छूए, जिसके बाद से ही वे चर्चा में आ गई। अब इस पूरे मामले पर नुसरत जहां ने खुद चुप्पी तोड़ते हुए बताया कि उन्होंने आखिर स्पीकर के पैर क्यों छुए थे, जिस पर काफी समय से विवाद और चर्चाएं हो रही हैं। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?

लोकसभा चुनाव में अपनी सीट जीतने के बाद नुसरत जहां ने शादी रचाई। शादी रचाने के बाद नुसरत जहां संसद में शपथ लेने के लिए पहुंची तो उन्होंने मांथे में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र पहन रखा था, जिसे देखकर भी काफी विवाद हुआ था। इतना ही नहीं, इस दौरान नुसरत जहां ने शपथ लेने के बाद स्पीकर महोदय के पैर भी छूए, जिसके बाद पूरा ड्रामा क्रिएट हो गया। बता दें कि नुसरत जहां द्वारा स्पीकर के पैर छूने पर भी कई तरह के सवाल उठाए गये थे, जिसमें पैर क्यों छूए ये प्रमुख था, जिस पर अब अभिनेत्री का जवाब आया है।

स्पीकर के पैर छूने पर नुसरत जहां ने कही ये बात

लोकसभा के स्पीकर के पैर छून को लेकर हुए ड्रामे पर नुसरत जहां ने कहा कि मुझे नहीं पता कि मुझसे पहले किसी ने ऐसा नहीं किया था। नुसरत जहां ने आगे कहा कि वे मुझसे बड़े हैं और कुर्सी पर बैठे हैं, तो मुझे मेरे कल्चर ने जो सिखाया है, मैंने वही किया, इसमें इतना ड्रामा होने की कोई ज़रूरत नहीं है। बता दें कि नुसरत जहां के स्पीकर के पैर छूने पर काफी विवाद हुआ, लेकिन अब उन्होंने अपने ही अंदाज पर जवाब देकर सबकी बोलती बंद कर दी।

पॉजिटिव बदलाव लाने आई हूं मैं- नुसरत जहां

राजनीति में बिना सोचे समझे आने के सवाल पर नुसरत जहां ने कहा कि मुझे राजनीति में कोई बदलाव नहीं करना है, बल्कि मैं लोगों के ज़िंदगी में पॉजिटिव बदलाव लाने के लिए आई हूं, क्योंकि मैं चाहती हूं कि समाज में एक पॉजिटिव रवैया हो, जिसमें लोग खुश रह सके। साथ ही नुसरत जहां ने कहा कि मुझे राजनीति के दांव पेंच समझ नहीं आते हैं, लेकिन समाज में बदलाव करना ही मेरा पहला धर्म और कर्म है, जिस पर अग्रसर रहूंगी।

नाम बदलने के लिए डाला गया दबाव

नुसरत जहां ने कहा कि जब मैंने बंगाली सिनेमा में डेब्यू किया था, तो लोगों ने कहा कि अपना नाम बदल लो, नहीं तो करियर नहीं बन पाएगा, लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया, क्योंकि मैं जैसी हूं, वैसी ही दिखना चाहती हूं। बता दें कि नुसरत जहां काफी अग्रेसिव माइंड की लगती हैं और वे अक्सर महिला सशक्तिकरण को लेकर कुछ न कुछ बयानबाजी या फिर कामकाज करती रहती हैं।

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