बॉलीवुड

एक्टिंग शुरू करने से पहले लोगों के घरो में झाड़ू-पोछा लगाती थी ये एक्ट्रेस

हिंदी फिल्मों में एक सफल फिल्म बनाने के लिए एक ऐक्टर और एक्ट्रेस के अलावा एक विलेन और एक हास्य कलाकार का भी उतना ही योगदान होता है। फिल्मों में एक ऐसा पात्र जो लोगों को हंसने पर मजबूर कर दें। आज हम आपको पुराने समय की एक ऐसी ही कलाकार के बारे में बताएंगे जिन्होंने अपनी एक्टिंग के हुनर से लोगों को ठहाके लगाकर हंसने पर मजबूर कर देती थीं। हम बात कर रहे हैं टुनटुन की। एक दौर था जब फिल्मों में टुनटुन अपने हास्य अभिनय से लोगों के दिलों में राज करती थी। लेकिन उनकी असल जिंदगी में उन्होंने कई दुखों का सामना किया था।

बता दें कि टुनटुन का असली नाम उमा देवी था। उनका जन्म उत्तर प्रदेश में हुआ था। हालांकि भले ही टुनटुन को उनके अभिनय के लिए लोग जानते हों लेकिन टुनटुन का सपना हमेशा से सिंगर बनने का था। टुनटुन जब तीन साल की थी तब ही उनके माता-पिता का देहांत हो गया था। इतनी छोटी सी उम्र में अपने माता-पिता को उन्होंने खो दिया था। माता-पिता के देहांत के बाद टुनटुन का पालन-पोषण उनके चाचा ने किया था। 13 साल की उम्र से ही टुनटुन से गाना शुरू कर दिया था।

गाने में रूचि और बॉलीवुड जगत में एंट्री का सपना लिए टुनटुन 13 साल की उम्र में टुनटुन अपने चाचा का घर से भागकर मुंबई आ गई। मुंबई में गुजर बसर करने के लिए उन्होंने घरों में बर्तन धोने, झाड़ू लगाने का काम किया। इस बीच उनकी मुलाकात संगीत निर्देशक नौशाद अली से हुई। कहा जाता है कि टुनटुन ने नौशाद अली से कहा था कि मैं गा सकती हूं और अगर आपने मुझे काम नहीं दिया तो मैं सागर में डूब कर जान दे दूंगी। नौशाद ने यह सुनकर उन्हें उसी समय काम दे दिया था।

नौशाद ने टुनटुन को फिल्म दर्द में ‘अफसाना लिख रही हूं गाना गाने का मौका दिया। यह गाना काफी लोकप्रिय हुआ था।दरअसल फिल्म की हीरोइन सुरैया चाहती थी कि यह गाना उन पर फिल्माया जाए जबकि सुरैया खुद भी बेहतरीन गायिका थी। इस गाने की सफलता के बाद टुनटुन को और भी कई फिल्मों में गाना गाने का मौका मिला। इसके बाद टुनटुन ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। नौशाद ने टुनटुन को फिल्मों में काम करने की सलाह दी। जिसके बाद टुनटुन ने फिल्मों में अपना हाथ आजमाया।

बता दें कि टुनटुन से सबसे पहली बार दिलीप कुमार के साथ फिल्म में काम किया। इसके बाद से ही उनको टुनटुन का नाम मिला। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा और लगातार लोगों को हंसाने का काम किया। बता दें कि टुनटुन ने अपने करियर में लगभग 200 फिल्मों में काम किया। 24 नवंबर 2003 में टुनटुन ने दुनिया को अलविदा कह दिया था।

Back to top button