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भारत से सबसे तेज बढ़ रही अर्थव्यवस्था का तमगा छीन सकता है चीन!

भले ही नोटबंदी का उद्देश्य देश के आर्थिक तंत्र में सुधार और विकास की रफ्तार बढ़ाना हो लेकिन बाजार से नकदी के निकलने का असर तो अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा ही. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) की हाल ही में आई एक रिपोर्ट बताती है कि भारत की विकास दर इस साल घटने वाली है.

घट जाएगी विकास की रफ्तार :

जहां भारत ने कई विकासित राष्ट्रों की विकास दर को पीछे छोड़ने का लक्ष्य रखा था वहीं अब इस लक्ष्य को हासिल करने में फिलहाल समय बढ़ता नजर आ रहा है. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल भारत की विकास दर में 1 फीसदी की गिरावट का अनुमान है. पिछले साल भारत की विकास दर 7.6 फीसदी थी लेकिन इस बार घटकर 6.6 फीसदी ही रहने की आशंका है.

चीन छीन तेगा सबसे तेज रफ्तार का तमगा :

अर्थव्यवस्था की विकास की रफ्तार कम होने के पीछे नोटबंदी को ही सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है. एक तरफ जहां भारत की विकास दर कम होने की आशंका है वहीं पड़ोसी देश चीन की विकास दर की रफ्तार और तेज होने की खबर है. यानी कि एक बार फिर भारत से दुनिया में सबसे तेज ग्रोथ वाले देश का तमगा छिन सकता है और ये तमगा छीनेगा चीन. सुकून की बात यह है कि अगले दो साल में भारत की अर्थव्यवस्था के दोबारा पटरी पर लौटने की पूरी संभावना है.

कैश की किल्लत से पड़ेगा असर :

आईएमएफ की रिपोर्ट के मुताबिक, नोटबंदी की वजह से बाजार से बड़ी मात्रा में कैश का खत्म होना इसका प्रमुख कारण है. आईएमएफ का मानना है कि अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आर्थिक नीतियों से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलेगी.

गौरतलब है कि 8 नवंबर को पीएम मोदी द्वारा हाई वैल्यू करेंसी नोटों का चलन बंद करने से एक ही झटके में ऐसी 86 फीसदी करेंसी चलन से बाहर हो गई. जिसके बेहद खराब और खौफनाक परिणाम हो सकते थे, लेकिन अभी तक जारी आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि भारत की इकॉनमी का परफॉर्मेंस उम्मीद से बेहतर है.

आईएमएफ की ताजा रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक अर्थव्यवस्था की विकास दर के उम्मीद से अच्छी रहने और पिछले साल के मुकाबले बढ़ने के अनुमान हैं.

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