अध्यात्म

सभी बाधाओं से मुक्त करते हैं हनुमान जी के ये 5 मंत्र, रोगमुक्त होने के लिए इस मंत्र का करें जाप

हिंदू धर्म में देवी-देवताओं का विशेष स्थान होता है. यूं तो बहुत लोगों के पास मानव जीवन की परेशानियों का हल होता है लेकिन इनमें से कुछ ही ऐसे होते हैं जो सभी परेशानियों से मुक्ति दिलाते हैं. यही कारण है कि समस्या आने पर हम आज भी ईश्वर को याद करते हैं. क्योंकि मुश्किल की घड़ी में जब कुछ नहीं समझ आता तब हमें ईश्वर की शरण में जाना ही पड़ता है. सारे प्रयास असफल होने के बाद ईश्वर पर ही आस्था होती है. हर कोई परेशानी मुक्त जीवन जीना चाहता है. लेकिन सौरमंडल के ग्रहों की हमारी कुंडली में बैठकी ही बताती है कि हमारे जीवन में परेशनियों का आगमन कब और कैसे होगा. अधिकतर लोगों के जीवन में आने वाली परेशानियों का कारण शनि, राहु और केतु जैसे ग्रह होते हैं.

हनुमान जी को एकलौता ऐसा भगवान बताया गया है जिनसे यह सभी दुष्ट ग्रह भयभीत रहते हैं. इनकी पूजा-अर्चना कर व्यक्ति को परेशानियों से मुक्ति मिल सकती है. वैसे तो हनुमान चालीसा, सुंदर कांड, बजरंग बाण का नियमित पाठ करना ही खासतौर पर मंगलवार के दिन सभी परेशानियों से मुक्ति दिलाता है. लेकिन इसके अलावा भी कुछ बातें होती हैं जिनका ध्यान रखना ज़रूरी है. हम हनुमान जी की पूजा तो करते हैं लेकिन हमें यह मालूम नहीं होता कि मनचाहा फल प्राप्ति के लिए उनके किस मंत्र का जाप करना चाहिए. इसलिए आज के इस पोस्ट में हम आपको कुछ ख़ास मंत्र बताने जा रहे हैं जिन्हें पूजा के दौरान इस्तेमाल करके आप अपनी सभी परेशानियों से मुक्ति पा सकते हैं.

मंत्र जाप करने की विधि

मंत्र जाप करने के लिए मंगलवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें. स्नान करने के बाद किसी हनुमान मंदिर जाएं और वहां हनुमान जी की पूजा-अर्चना करें. आप मंदिर का कोई शांत स्थान देख लें और वहां बैठकर 108 बार मंत्र का जाप करें. मंत्र जाप करने के लिए आप रुद्राक्ष माला का इस्तेमाल कर सकते हैं. नीचे जानिये हनुमान जी के मंत्र.

पहला मंत्र

मनोजवं मारुततुल्यवेगम् जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।

वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्री रामदूतं शरणं प्रपद्ये।।

इस मंत्र का जाप करके मनुष्य अपनी सारी परेशानियों से मुक्ति पा सकता है.

दूसरा मंत्र

मर्कटेश महोत्साह सर्वशोक विनाशन।

शत्रून संहर मां रक्षा श्रियं दापय मे प्रभो।।

घर में सुख-समृद्धि बढ़ाने के लिए इस मंत्र का जाप करें.

तीसरा मंत्र

हनुमान अंगद रन गाजे।

हांके सुनकृत रजनीचर भाजे।।

कार्यों में आ रही बाधाओं से परेशान हैं और उसे दूर करना चाहते हैं तो इस मंत्र का जाप करें.

चौथा मंत्र

नासे रोग हरे सब पीरा।

जो सुमिरै हनुमत बल बीरा।।

यदि आप इस चौपाई का जाप हर रोज 108 बार करेंगे तो आप रोग मुक्त रहेंगे. यह रोगों से मुक्ति दिलाने में आपकी मदद करेगा.

पांचवा मंत्र

वायुपुत्र नमस्तुभ्यं पुष्पं सौवर्णकं प्रियम्।

पूजयिष्यामि ते मूर्धि नवरत्न-समुज्जलम्।।

इस मंत्र का जाप करते हुए हनुमान जी को फूल अर्पित करें. इससे सौभाग्य प्राप्त होता है.

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