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सुष्मिता सेन से हर माता पिता को सिखने चाहिए बच्चों की परवरिश के ये 6 गुण

बच्चों की परवरिश करना कोई आसान काम नहीं होता हैं. बच्चे के भविष्य को उज्वल बनाने और उसे मानसिक रूप से खुश रखने के लिए बहुत सारी चीजों का ख्याल रखना पड़ता हैं. आप बचपन में अपने बच्चों को किस तरीके से पालते हैं ये उनका आने वाले समय में व्यवहार और सफलता तय करता हैं. ऐसे में आज हम आपको बॉलीवुड एक्ट्रेस सुष्मिता सेन के कुछ ख़ास पेरेंटिंग टिप्स बताने जा रहे हैं. सुष्मिता सेना एक सिंगल पेरेंट हैं. उन्होंने शादी भले ना की हो लेकिन दो बच्चियों को गोद ले रखा हैं. सुष्मिता एक सिंगल मदर होने के बावजूद अपने बच्चों की परवरिश बहुत अच्छे तरीके से कर रही हैं. ऐसे में उनकी पेरेंटिंग के कुछ काम के टिप्स आज हम आपके साथ शेयर करना जा रहे हैं.

बच्चों के साथ हमेशा ईमानदार रहे

बच्चों के मामले में आनेस्टी(ईमानदारी) बेस्ट पालिसी होती हैं. बच्चे जिज्ञासु होते हैं. उनके दिमाग में कई सारे सवाल रहते हैं. उन्हें झूठ बोल उनका ध्यान भटकने की बजाए उन्हें सच बताइए. इसके लिए आप थोड़ा क्रिएटिव भी हो सकते हैं. सुष्मिता एक उदाहरण बताते हुए कहती हैं कि “एक बार उनकी बेटी रेनी स्कूल से आई और पूछने लगी कि उसके पिता कौन हैं? ऐसे में मैंने भगवन शिव की शिवलिंग की तरफ इशारा करा और कहा कि यही तुम्हारे पिता हैं.

मस्ती और मजा भी जरूरी हैं

लाइफ में डिसिप्लिन जरूरी हैं लेकिन मस्ती की भी उतनी ही अहमियत होती हैं. जब आपको बच्चों के साथ सख्त होना पड़े तब बेशन हो जाइए लेकिन जहाँ उनके साथ हंसी मजाक की जरूरत हो वहां ये भी करिए. कभी कभी बच्चों को थोड़ी छूट दे देना अच्छा होता हैं. सुष्मिता कहती हैं कि पहले वे एक सख्त माँ थी लेकिन बाद में वे नर्म और फन लविंग मम्मी बन गई.

कभी हार ना माने

सुष्मिता कहती हैं कि बच्चों को बड़ा करने में कई सारी मुश्किलें सामने आती हैं. ये परेशानियाँ किसी भी रूप में हो सकती हैं जैसे पैसो की कमी, खराब सेहत, बच्चो के मनमुटाव इत्यादि. लेकिन आपको हर हाल में इस परेशानियों का सामना करते रहना चाहिए. हर समस्यां का एक हल होता हैं.

ज्ञान सबसे बड़ी पूंजी हैं

सुष्मिता का कहना हैं जी जिंदगी की जंग जितने के लिए ज्ञान सबसे बड़ा हथियार होता हैं. इसलिए अपने बच्चों को हमेशा पढ़ाई लिखाई के लिए प्रोत्साहित करे. हालाँकि इस दौरान आपको उनके ऊपर एग्जाम में ज्यादा मार्क्स लाने का प्रेशर नहीं डालना हैं बल्कि इस बात का ध्यान रखना हैं कि आपका बच्चा इस पढ़ाई के सफ़र में जितना ज्यादा हो सके ज्ञान हासिल करे और उसे असल जिन्दगी में अप्लाई भी करे.

बच्चों को सपने देखने दो

कई माता पिता अपने सपनो को बच्चों के ऊपर लाद देते हैं जो कि गलत हैं. बच्चों को अपनी पसंद का करियर चुनने की इजाजत दे. उन्हें सपने देखने से रोके नहीं. वो बड़ा सपना देखेंगे तभी लाइफ में कुछ बड़ा करेंगे. वे जीवन में जो कुछ भी बनना चाहते हैं आप उनका सपोर्ट करे.

आप अकेले भी काफी हैं

यदि किसी कारण से आप अकेले ही अपने बच्चों को पाल रहे हैं तो निराश ना होए. सुष्मिता सेन ने कई मौको पर ये साबित किया हैं कि एक अकेला पेरेंट भी बच्चों की परवरिश बढ़िया तरीके से कर सकता हैं. सुष्मिता का कहना है कि अकेले बच्चों को बड़ा करना थोड़ा मुश्किल जरूर होता हैं लेकिन ये असंभव नहीं हैं. थोड़ी सी एक्स्ट्रा मेहनत कर ये आप आसानी से कर सकते हैं.

यदि आपको ये पेरेंटिंग टिप्स पसंद आई तो इसे दूसरों के साथ शेयर जरूर करे ताकि वे भी अपने बच्चो की परवरिश अच्छे से कर सके.

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