दिलचस्प

एक लालची सेठ और बेवकूफ धोबी की प्रेरणादायक कहानी

एक गांव में एक गरीब धोबी रहता था और ये धोबी रोज नदी के किनारे जाकर कपड़े धोया करता था। एक दिन ये धोबी जब नदी के किनारे कपड़े धो रहा था, तो इसको नदी के अंदर एक चमकीला पत्थर तैरता हुए दिखा। इस धोबी ने फौरन से उस पत्थर को पानी से बाहर निकाल लिया। धोबी को इस पत्थर की चमक खूब पसंद आई और उसने पत्थर को अपने गधे के गले में डाल दिया।

कपड़े धोने के बाद ये धोबी वापस से अपने गांव जाने लगा। रास्ते में एक सेठ की नजर गंधे के गले पर लटके चमकीले पत्थर पर पड़ी और सेठ ने तुरंत धोबी को रोक लिया और धोबी से पूछा, तुम्हारे गधे के गले में ये कौन सा पत्थर है। धोबी ने सेठ से कहा, ये पत्थर मुझे नदी में मिला था। मेरे को इसकी चमक काफी पसंद आई और मैंने इसको अपने गधे के गले में डाल दिया। इस सेठ ने गधे के गले में डले पत्थर को पास जाकर देखा तो पाया कि ये पत्थर कोई साधारण पत्थर नहीं है और इसकी कीमत हजारों में है।

सेठ ने धोबी से कहा, क्या तुम ये पत्थर मुझे दे सकते हो। धोबी ने कहा अगर आप मुझे 500 रुपए देंगे तो मैं ये पत्थर आपको दे दूंगा। सेठ ने धोबी से कहा मैं तुम्हें इस पत्थर के लिए 250 रुपए दे सकता हूं। लेकिन धोबी 500 रुपए की जिद पर अड़ा रहा है और उसने ये पत्थर सेठ को नहीं दिया और चले गया। इस सेठ को लगा की धोबी कल आकर उसे ये पत्थर अपने आप 250 रुपए में बेच देगा।

वहीं अगले दिन धोबी अपने गधे को लेकर सेठ के घर के सामने से जा रहा होता है। सेठ धोबी को आवाज देकर रोकता है और धोबी से पत्थर मांगता है। मगर सेठ की नजर जब धोबी के गधे पर पड़ती है, तो उसे गधे के गले में पत्थर नहीं दिखता है। सेठ तुरंत धोबी से पूछता है, पत्थर कहा है? धोबी सेठ से कहता है, कल आप से मिलने के बाद मुझे एक और सेठ मिला और उसने मेरे से ये पत्थर 1000 रुपए में खरीद लिया। धोबी की बात सुनकर सेठ को काफी गुस्सा आता है और सेठ गुस्से में धोबी से कहता है, बेवकूफ वो कई साधारण पत्थर नहीं था। उस पत्थर की कीमत हजारों में थी और तुने उस पत्थर को केवल 1000 रुपए में बेच दिया। मैंने अपनी जिंदगी में तेरे जैसा बेवकूफ इंसान नहीं देखा।

सेठ की बात सुनकर धोबी उससे कहता है, बेवकूफ मैं नहीं आप हो। क्योंकि मुझे तो उस पत्थर की सही कीमत मालूम नहीं थी। लेकिन आपको तो पत्थर की कीमत पता था। लेकिन आपने फिर भी 250 रुपए के लालच में फंसकर उस पत्थर को नहीं खरीदा। इसलिए मूर्ख मैं नहीं आप हो।

कहानी से मिली सीख

कई बार हम लोग छोटे से लालच में फंसकर बड़े अवसरों को खो देते हैं और अपना ही नुकसान कर बैठते हैं। इसलिए आपने जीवन में लालच ना करें क्योंकि कई बार लालच की वजह से आपका ही नुकसान हो जाता है।

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