अध्यात्म

पति की मृत्यु के बाद इन रानियों ने किया था अपने ही देवर से विवाह

न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: हिंदू धर्म में कई ऐसे पवित्र ग्रंथ हैं जिनमें लिखी गई बातें आज कलयुग के समय में भी सत्य साबित हो रही हैं। बता दें कि हिंदु ग्रथों में रामायण और महाभारत दो प्रमुख ग्रंथ हैं। इस ग्रंथों में कई इस तरह की बातें बताई गई हैं जो व्यक्ति को मुक्ति का मार्ग दिखाती हैं। इन दोनों ही ग्रंथों में नायिका की पवित्रता को दर्शाया गया है और वहीं खलनायक की पत्नियों के बारे में कुछ ऐसी बताए गई हैं जिसे जानकर हर कोई हैरान हो जाएगा।

मंदोदरी

बात करें रावण की तो उसकी मंदोदरी बहुत ही सुंदर थी। रावण एक बहुत बड़ा विद्वान था, उसे भली भांति पता था कि यदि वह सीता माता का हरण कर के लाता है तो वो अपनी मृत्यु को न्यौता दे रहा है। लेकिन इसके बावजूद भी अपनी मुक्ति के लिए उसने सीता माता का हरण किया। जब रावण सीता माता का हरण करके लाया तो उसकी पत्नी मंदोदरी ने उसे समझाया की वो सीता माता को राम जी को वापस लौटा दें, लेकिन रावण ने उनकी एक ना सुनी और भगवान राम से युद्ध करने को तैयार हो गया और इस युद्ध में उसके पूरे वंश का नाश हो गया लेकिन उसका छोटा भाई विभीषण जो भगवान विष्णु भगवान का भक्त था। और वह भगवान राम की शरण में चला गया।

रावण के वंश में सिर्फ विभीषण ही बचा था। जब रावण भगवान राम के हाथों मारा गया था और अपनी मृत्यु शैय्या पर लेटा था तो उसने अपनी पत्नी मंदोदरी से कहा कि उसे मुक्ति मिल रही है, लेकिन मेरे बाद तुम विभीषण से विवाह करना लेना। पतिव्रता होने के कारण मंदोदरी ने अपने पति की आज्ञा को स्वीकार कर लिया और विभीषण से विवाह करने को तैयार हो गई।

तारा

बता दें कि पति की मृत्यु के बाद अपने देवर से विवाह करने की ये कोई पहली घटना नहीं हैं इसके पहले भी इस तरह की घटनाएं हुई हैं। विभीषण और मंदोदरी से पहले बाली की पत्नी तारा ने भी अपने देवर से विवाह किया था। जब भगवान राम के हाथों बाली का वध हुआ तो बाली ने भी अपनी पत्नी अप्सरा तारा की सुरक्षा के लिए उन्हें छोटे भाई सुग्रीव को सौंप दिया था।

भानुमती

ऐसा ही कुछ हुआ था दुर्योधन की पत्नी भानुमती के साथ भी। बता दें कि भानुमती बला की खूबसूरत थीं और उनके पिता ने उनके लिए सुयोग्य वर के लिए स्वयंवर रखा था जिसमें दुर्योधन और कर्ण दोनों ही पहुंचे थे। जब भानुमती दुर्योधन को छोड़कर किसी और के गले में वरमाला डालने जा रही थी तो दुर्योधन को काफी क्रोध आ गया और उन्होंने जबरदस्ती भानुमती से वरमाला अपने गले में डाल ली। दुर्योधन की इस हरकत से वहां पर मौजूद सभी लोग क्रोधित हो गए। जब लोगों ने उनका विरोध किया तो दुर्योधन ने सभी को युद्ध की चुनौती दे डाली।

दुर्योधन ने ऐसी चुनौदी दी कि वहां दुर्योधन के जीजा जयद्रथ को छोड़कर सभी पीछे हट गए। दुर्योधन ने सभी को कर्ण से युद्ध करने की चुनौती दे डाली। जयद्रथ भी युद्ध में हार गए लेकिन दोनों ने एक-दूसरे की वीरता की तारीफ की। और फिर दुर्योधन और भानुमती का विवाह हो गया। भले ही भानुमती का विवाह दुर्योधन से हुआ हो लेकिन वो मन ही मन कर्ण को पसंद करती थी।

लेकिन महाभारत के युद्ध में कर्ण और दुर्योधन दोनों ही मारे गए। यहां तक की भानुमती और दुर्योधन के पुत्र लक्ष्मण की भी इस युद्ध में मृत्यु हो गई। ऐसा कहा जाता है कि इसके बाद भानुमती ने अर्जुन से विवाह कर लिया था।

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