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राजा-मंत्री की कहानी: इंसान की पहचान उसके गुण और तेज दिमाग से होती है, ना कि उसके रंग-रूप से

एक राजा बेहद ही सुंदर हुआ करता था और जो भी इस राजा को पहली बार देखता था, वो राजा की तारीफ जरूर किया करता था। राजा को अपनी सुंदरता पर काफी घमड़ भी हुआ करता था। ये राजा अपने एक मंत्री पर काफी विश्वास किया करता था। लेकिन राजा का ये मंत्री देखने में बिलकुल भी सुंदर नहीं था और मंत्री का रंग बेहद ही काला हुआ करता था।

एक दिन राज दरबार में राजा और उनका मंत्री राज्य की परेशानियों पर चर्चा कर रहे होते हैं और चर्चा खत्म होने के बाद ये राजा अपने मंत्री से कहता है, आप बेहद ही बुद्धिमान हैं, लेकिन आप मेरी तरह सुंदर नहीं है। अगर आप मेरे जैसे सुंदर होते तो आपका औदा लोगों की नजरों में और बढ़ जाता है। राजा की बात सुनकर मंत्री उनसे कहता है, महाराज जीवन में सुंदर होने से ज्यादा बुद्धिमान होना जरूरी है। क्योंकि इंसान की सुंदरता तो एक समय के साथ कम हो जाती है। लेकिन जो इंसान बुद्धिमान होता है वो मरते दम तक बुद्धिमान ही रहता है। एक इंसान की पहचान उसके गुणों और तेज दिमाग के आधार पर करनी चाहिए, ना कि उसके रंग और रूप से।

अपने मंत्री की ये बात सुनकर राजा कहता है, क्या आप इस बात को सीध कर सकते हैं। मंत्री कहता है हां क्यों नहीं। आप मुझे बस पांच मिनट का समय दें। पांच मिनट बाद मंत्री अपने साथ दो पानी के घड़े ले लाता है। जिसमें से एक घड़ा सोने का बना होता है जबकि दूसरा घड़ा काली मिट्टी से बना होता है। मंत्री राजा से पूछता है। महाराज आप किस घड़े का पानी पीना चाहते हैं? राजा तुरंत कहता है मिट्टी वाले घड़े का। मंत्री राजा से पूछता है आपने सोने वाले घड़े को क्यों नहीं चुना? राजा कहता है, क्योंकि सोने वाले घड़े का पीन ठंडा नहीं होगा।

मंत्री राजा से कहता है, महाराज आपने सोने वाले सुंदर घड़े की जगह मिट्टी वाले घड़े में रख गया पानी पीना ही उचित समझा। आप ने सुंदरता की जगह गुण के आधार पर फैसला लिया। क्योंकि भले ही सोने का घड़ा कितना भी सुंदर क्यों ना हो, लेकिन उसमें रखा गया पानी मिट्टी के घड़े की तरह  शीतल नहीं है। अब आप ही बताएं रंग-रूप बड़ा है कि गुण और बुद्धि?

ये सुनकर राजा को समझ आ गया कि सुंदरता से बड़ी चीज इंसान के अंदर के गुण होते हैं। राजा ने मंत्री से माफी मांगते हुए कहा, चाहे मैं कितना भी सुंदर क्यों ना हूं, लेकिन मैं आपकी तरह महान नहीं हूं। क्योंकि आपके जैसे गुण और बुद्धि मेरा पास नहीं है।

कहानी से मिली सीख

इस कहानी से हमें ये ज्ञान मिलता है कि इंसान की पहचान हमेशा उसके गुणों से करनी चाहिए ना कि उसकी सुंदरता के आधार पर। क्योंकि समय के साथ सुंदरता खत्म हो जाती है लेकिन गुण सदा इंसान के साथ रहते हैं। इसलिए आप भी अपने जीवन में गुण को ही ज्यादा महत्व दें ना कि सुंदरता को।

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