अध्यात्म

आखिर 6 महीने क्यों बंद रहता है केदारनाथ का मंदिर, जानिए 10 हैरान करने वाले तथ्य

भारत हिंदू प्रधान देश है और यहां पर हिंदू मान्यताओं में पूजने वाले मंदिरों की भी भरमार है लेकिन कुछ ऐसे तीर्थस्थल हैं जहां पर जाने से इंसान को मन की शांती मिलती है. भारत में चारों धाम की यात्रा को प्रावधान दी जाती है और जो इन तीर्थों को कर लेते हैं तो उन्हें एक अलग ही मुकाम हासिल हो जाता है या ऐसा कह सकते हैं वो ईश्वर के करीब हो जाता है. उन्हीं तीर्थस्थलों में एक है केदारनाथ की यात्रा, जो उत्तराखंड के पहाड़ों पर स्थित है और यहां की मान्यता ये है कि ये मंदिर साल के 6 महीनों तक बंद और 6 महीनों तक खुला रहता है.
अब लोगों के मन में एक ही सवाल आता है कि आखिर 6 महीने क्यों बंद रहता है केदारनाथ का मंदिर ? तो इसके बारे में आपको जरूर जाननी चाहिए कुछ बातें.

आखिर 6 महीने क्यों बंद रहता है केदारनाथ का मंदिर ?

चार धाम की यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा केदारनाथ को भी माना जाता है. यहां पर शिव जी की अराधना की जाती है और ये बाहर ज्योतिर्लिंगों में से एक है. ऐसी मान्यता है कि यहां दर्शन करने से ही भक्त के सभी दुख दूर हो जाते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है. भगवान शिव के इसी चमत्कारिक धाम के दर्शन करने के लिए इन दिनों पीएम मोदी भी चर्चा में हैं. उन्होने यहां पर मत्था टेका और आज हम आपको केदारनाथ धाम के बारे में कुछ चौंकाने वाली बातें बताएंगे, जिन्हें शायद आप नहीं जानते हों और जानना चाहिए.

1. केदारनाथ में भू-शिवर्लिंग की पूजा होती है और ऐसा बताया जाता है कि यहां शिवलिंग की उत्पत्ति अपने आप जमीन में हुई थी. इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने कराया था और यहां शिव जी ने उन्हें बैल के रूप में दर्शन दिया था.

2. केदारनाथ का मंदिर हमेशा बर्फ से ढका रहता है और यहं के खराब मौसम की वजह से मंदिर के कपाट 6 महीने के लिए बंद कर दिए जाते हैं. मंदिर के पट बंद करने से पहले पुजारी विग्रह और दंडी को नीचे ले जाते हैं.

3. दंडी को नीचे ले जाने में मंदिर परिसर की सफाई करके यहां पर दीपक जला देते हैं. इसमें हैरान करने वाली बात ये है कि ये मंदिर 6 महीने बंद रहने के बाद भी इसके दोबारा खोले जाने पर दिया वैसा ही जलता हुआ दिखाई देता है.

4. मंदिर में एक छोटा सा दिया 6 महीने लगातार कैसे जलता है ये बात ही हैरान करने वाली है क्योंकि शीत लहर की वजह से मंदिर के कपाट बंद रहते हैं और फिर ये दीपावली के दूसरे दिन ही खुलते हैं. ऐसे में परिंदा भी पर नहीं मार सकता तो इंसान कैसे इसके अंदर दिया जला सकता है.

5. मंदिर की एक और दिलचस्प बात ये है कि इस मंदिर में भगवान शिव अपने सच्चे भक्तों को साक्षात्कार दर्शन देते हैं इसलिए उन्हें जागृत महदेव के नाम से भी जाना जाता है.

6. पुराणों के अनुसार भगवान शिव का एक भक्त बहुत मुश्किल से केदारनाथ में भगवान शिव के दर्शन करने पहुंचा लेकिन कपाट बंद हो गए थे. भक्त ने कपाट दोबारा खोलने की बात कही लेकिन पुजरियों ने मना कर दिया.

7. भक्त ने पुजारियों से जिद की लेकिन उन्होंने कपाट नहीं खोले और वो जिद पर अड़ गया. 6 महीनों तक वहीं इंतजार करने की बात कही और भूखे-प्यासे वहीं लेट गया. अचानक उसे नींद आ गई और वो 6 महीनों तक सोता रहा.

8. ऐसा बताया जाता है कि जब वो भक्त सो रहा था तब वहां एक वैरागी ने दर्शन दिया. इसके बाद जब वो भक्त उठा तो उसने देखा कि मंदिर के कपाट खुल रहे हैं और इसी में पुजारी ये सारी लीला समझ गए.

9. पुजारियों ने ये समझा कि भोलेनाथ से मिलने आया ये व्यक्ति दर्शन के लिए इतना व्याकुल था कि भगवान शिव ने खुद उसे दर्शन दिए. वे मंदिर खुलने पर दर्शन कर सके इसलिए उसे 6 महीनों की नींद दे दी. शिव जी की महिमा के चलते ही उन्हें जागृत महादेव के नाम से भी पहचाना जाता है.

10. गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव प्रचार खत्म होने पर यात्रा के लिए केदारनाथ आए और उन्होंने यहां के दर्शन किए इसके बाद वे बद्रीनाथ के दर्शन के लिए जाएंगे.

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