अध्यात्म

सूरज को जल चढ़ाते समय ना करे ये गलती, सूर्यदेव हो जाते हैं क्रोधित

सूर्यदेव सभी देवी देवताओं में सबसे तेजस्वी भगवान माने जाते हैं. ऐसा कहा जाता हैं कि सूर्यदेव की दिव्य रौशनी और उनका आशीर्वाद एक बार जिस व्यक्ति को मिल जाता हैं उसकी किस्मत चमक जाती हैं. सूर्यदेव लोगो का भाग्य चमकाने के लिए भी जाने जाते हैं. हर दिन आपको स्वतः ही सूर्यदेव के दर्शन होते हैं. इनका साया आपके ऊपर सदा बना रहता हैं. ऐसे में यदि आप ने इन्हें प्रसन्न कर दिया तो ये आपका बहुत ख्याल भी रखते हैं. यही वजह हैं कि बहुत से लोग रोजाना सुबह सूर्योदय पश्चात जल अर्पित करते हैं. खासकर रविवार को सूर्यदेव को जल चढ़ाने का महत्त्व और भी बढ़ जाता हैं. इसकी वजह ये हैं कि रविवार सूर्यदेव का ही दिन होता हैं.

आप में से कई लोग भी सूर्यदेव को जल चढ़ाते होंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दौरान यदि आप से कोई गलती हो जाती हैं तो आपको इसके भयंकर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. सूर्यदेव का आशीर्वाद जितना फलकारी होता हैं उनका गुस्सा उससे भी ज्यादा खतरनाक होता हैं. वे एक बार यदि आप से नाराज़ हो जाए तो आपके भाग्य को दुर्भाग्य में बदलते देर नहीं लगती हैं. इसलिए आपको इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए कि सूर्यदेव को जल चढ़ाते समय आप कोई गलती ना करे. इसी बात को ध्यान में रखते हुए आज हम आपको उन गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो सूर्यदेव को नाराज़ कर सकती हैं.

पहली गलती: सूर्यदेव को जल हमेशा स्नान करने के बाद ही चढ़ाना चाहिए. इसके साथ ही जब आप उन्हें जल अर्पित करे तो आपके पैरो में जूते, चप्पल या फिर मोज़े नहीं होने चाहिए. यह भी कोशिश करे की आपके पैर और हाथ स्वच्छ हो. चाहे तो जल चढ़ाने के पहले इन्हें एक बार और धो ले. बात ये हैं कि आपके पैरो, हाथो या शरीर में मौजूद गंदगी से नेगेटिव उर्जा निकलती हैं. इस नकारात्मक उर्जा के साथ सूर्यदेव को जल चढ़ाना फलकारी नहीं होता हैं. इससे वे आप से रुष्ट भी हो सकते हैं. इसलिए साफ़ सफाई का विशेष रूप से ध्यान दे.

दूसरी गलती: सूर्यदेव को जल्द चढ़ाने के दौरान आपका मन शांत और साफ़ होना चाहिए. इसमें किसी भी प्रकार के कोई बुरे विचार नहीं आने चाहिए. कई बार ऐसा भी होता हैं कि हमारा किसी से झगड़ा हो जाता हैं या हम किसी बात से नाराज़ रहते हैं और फिर जल चढ़ाने पहुँच जाते हैं. आपको ऐसा करने से बचना हैं. एक बार आप जल नहीं चढ़ाएंगे तो चल जाएगा लेकिन क्रोधित या अशांत मन से जल अर्पित ना करे. ऐसा करने से सूर्यदेव भी क्रोधित हो जाते हैं और फिर दुर्भाग्य आपका पीछा नहीं छोड़ता है.

तीसरी गलती: आप सूर्यदेव को जो जल चढ़ाते हैं वो साफ़ होना चाहिए. जब आप पूजा का पानी भरते हैं तो इसे नहाने के बाद ही भरे. फिर उसी पानी से सूर्यदेव को जल अर्पित करे. एक और बात का ध्यान रहे कि आप जिस लौटे में जल भरते हैं उसकी भी नियमित रूप से साफ़ सफाई हो. वरना जल में नेगेटिव एनर्जी आ जाती हैं और आपकी पूजा का प्रभाव उल्टा हो जाता हैं.

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