अध्यात्म

भगवान बुद्ध और विष्णुजी का आपस में हैं ख़ास कनेक्शन, जानकार आप भी रह जाएंगे हैरान

आज 18 मई को बुद्ध पूर्णिमा हैं. इस त्यौहार को सिर्फ बौद्ध धर्म के लोग ही नहीं बल्कि कई हिंदू भी बड़ी धूमधाम से मनाते हैं. ऐसा कहा जाता हैं कि इसी दिन बौद्ध धर्म की स्थापना करने वाले महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था. इस वजय से बुद्ध पूर्णिमा को बुद्ध जयंती और वेसाक भी कहा जाता हैं. ऐसी मान्यता हैं कि ये वही दिन हैं जब भगवान बुद्ध को बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ था. पूरी दुनियां में ये बुद्ध जयंती अलग अलग तरीके से मनाई जाती हैं. इस दिन बौद्ध धर्म के लोग अपने घर में दीपक प्रजलित करते हैं. इसके साथ ही घरो को फूलों से सजाया जाता हैं. फिर बौधगया गाकर प्रार्थना की जाती हैं. बौध धर्म के धर्मग्रंथों का पाठ होता हैं. बोद्धिवृक्ष की पूजा भी होती हैं. इसके लिए इस पेड़ की शाखाओं पर फूल मालाएं रखी जाती हैं और इनकी जड़ो को दूध से नहलाया जाता हैं.

बुद्ध पूर्णिमा पर करे ये काम

बुद्ध पूर्णिमा वाले दिन सूर्योदय होने के पूर्व ही घर की साफ़ सफाई कर लेना चाहिए. इसके साथ ही इस दिन गंगा स्नान का भी महत्व रहता हैं. इससे मनुष्य के पाप समाप्त हो जाते हैं. यदि आप गंगा स्नान ना भी कर पाए तो घर में गंगाजल छिड़क देना चाहिए. इस दिन गरीबों को भोजन कराना चाहिए और साथ ही कपड़े दान में देना चाहिए. यदि आप ने घर में किसी पक्षी को पाल रखा हैं तो आज के दिन दुन्हे आज़ाद कर देना चाहिए. फिर रात में जब चन्द्रमा उदय हो तो उसे जल चढ़ाना चाहिए. घर के मुख्य दरवाजे के पास स्वास्तिक का निशान बनाना चाहिए. इस दिन विष्णु भगवन की पूजा करने का भी विशेष महत्त्व होता हैं.

ये करने से बचे

बुद्ध पूर्णिमा के दिन कुछ विशेष काम नहीं करना चाहिए. जैसे इस दिन मांस मच्छी का सेवन ना करे. इस दिन किसी भी प्रकार का कोई झूठ ना बोले और ना ही किसी को धोखा दे. इस दिन घर में लड़ाई झगड़ा करने से भी बचना चाहिए. साथ ही किसी जानवर को मारना भी नहीं चाहिए. बड़े बुजुर्गो और महिलाओं का अपमान करने से भी बचे.

विष्णु भगवान से हैं ये कनेक्शन

भगवन बुद्ध को विष्णु जी का ही नौवां अवतार माना जाता हैं. इसलिए बुद्ध पूर्णिमा को सिद्ध विनायक पूर्णिमा या सत्‍य विनायक पूर्णिमा भी कहा जाता हैं. इस पूर्णिमा को सिद्ध विनायक पूर्णिमा या सत्‍य विनायक पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. बस यही वजह हैं कि बैद्ध धर्म के अनुयायियों के साथ हिंदू धर्म के लोग भी इस त्यौहार को रूचि लेकर मनाते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस दिन कई लोग सत्यविनायक व्रत भी करते हैं. इस व्रत को करने से मृत्यु के देवता धर्मराज खुश होते हैं और व्यक्ति ज्यादा दिनों तक जीता हैं. इस वृत्त के बारे में भगवान श्रीकृष्ण ने सुदामा को भी बताया था जिसके बाद उसकी गरीबी ख़त्म हो गई थी. इसलिए आप भी इन दोनों समस्याओं के समाधान के लिए इस व्रत को रख सकते हैं.

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