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तेनालीराम की कहानी : राजा ने सभी को सोने की मुद्राएं दी, कहा कि वो इनसे जो चाहें वो खरीद लें

एक बार राजा कृष्णदेव राय काफी खुश थे और उन्होंने अपने मंत्रियों और तेनालीराम को सोने की मुद्रा उपहार के रूप में दी। सोने की मुद्राओं को देते हुए राजा कृष्णदेव राय ने अपने सभी मंत्रियों से कहा कि वो इनसे जो चाहें वो खरीद लें और एक हफ्ते बाद दरबार में आकर ये जरूर बताएं की इन मुद्राओं से किसने क्या क्या खरीदा है। राजा कृष्णदेव राय की और से मिली मुद्राओं को देखकर हर कोई खुश हो गया और राजा का धन्यवाद करने लगे। तभी राजा ने इन सभी से कहा कि आप इन मुद्राओं से कुछ भी खरीदने से पहले मेरे चेहरे को एक बार जरूर देख लें और मेरा चेहरा देखने के बाद ही कुछ खरीदें। एक हफ्ते बाद अगर आपके पास मेरी और से दी गई ये मुद्रा बच जाती है तो आप इन्हें मुझे वापस जरूर कर देना।

दरबार के सभी मंत्रियों ने सोचा की वो एक हफ्ते के अंदर ही इन मुद्राओं को खत्म कर देंगे ताकि उनको राजा को ये मुद्राएं वापस ना करनी पड़े। अगले दिन सभी मंत्री बाजार जाकर इन मुद्राओं से चीजे खरीदने लगे, लेकिन जैसे ही उन्होंने ये मुद्रा दुकानदार को दी इनको राजा की बात याद आ गई कि राजा ने कहा था कि मेरा चेहरा देखे बिना इन मुद्राओं को खर्च मत करना। ये सभी मंत्री गेहरी सोच में पड़ गए की वो कैसे इन मुद्राओं को खर्च करें। तभी एक मंत्री ने कहा कि राजा हफ्ते में एक बार बाजार जरूर आया करते हैं। इसलिए जब राजा बाजार आएंगे तो हम उनको देखकर इन मुद्राओं को खर्च कर लेंगे। ये सभी मंत्री रोज बाजार में राजा का इंतजार करने लगे लेकिन राजा बाजार नहीं आए और मंत्रियों को मुद्रा खर्च करने का दिया गया एक हफ्ते का समय भी खत्म हो गया।

एक हफ्ते बाद ये सभी मंत्री राजा के दरबार में गए। इन सभी मंत्रियों को देखकर राजा ने इनसे पूछा कि आप लोगों ने सोने की मुद्रा से क्या क्या खरीदा? तेनालीराम को छोड़कर सभी मंत्री ने एक स्वर में राजा से कहा ‘हमनें कुछ नहीं खरीदा’। राजा ने मंत्रियों से पूछा आप लोगों ने इन मुद्रा का इस्तेमाल क्यों नहीं किया? मंत्रियों ने राजा से कहा क्योंकि आपने हमें कहा था कि हम ये मुद्रा खर्च करने से पहले आपका चेहरा जरूर देखें। हम लोग आपका इंतजार बाजार में रोज किया करते थे लेकिन आप बाजार नहीं आए। जिसके चलते हम लोग इन मुद्राओं को खर्च नहीं कर पाए।

अपने मंत्रियों की ये बात सुनने के बाद राजा ने तेनालीराम से पूछा क्या तुमने भी मेरी और से दी हुई मुद्रा को खर्च नहीं किया? तेनालीराम ने राजा से कहा नहीं मैने तो आपके दिए हुए पैसों से खूब खरीददारी की और मेरे पास एक भी सोने की मुद्रा नहीं बची है। तेनालीराम की ये बात सुन सभी मंत्री खुश हो गए और ये सोचने लगे की तेनालीराम ने राजा की आज्ञा का पालन नहीं किया और अब राजा उसको सजा देंगे।

राजा ने तेनालीराम से पूछा तुमने मेरा चेहरा देखे बिना मुद्राएं कैसे खर्च कर दी? तब तेनालीराम ने राजा से कहा, महाराज इन सोने की मुद्राओं के पीछे आपका चेहरा बना हुआ है। मैं कुछ भी खरीदने से पहले मुद्रा के पीछे बने हुए आपके चेहरे को देख लिया करता था और फिर उस मुद्रा को खर्च कर देता था। तेनालीराम की बात सुन राजा कृष्ण देव खुश हो गए जबकि अन्य मंत्री के चेहरों से रंग उतर गया। फिर राजा ने तेनालीराम से कहा कि वो अन्य मंत्री को दी गई मु्द्राओं को उनसे वापस ले लें क्योंकि एक हफ्ते के अंदर ये लोगों मुद्राओं को खर्च नहीं कर पाए।

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