दिलचस्प

अगर कोई अपना नुकसान कर आपका फायदे करे, तो समझ ले की वो अपने मतलब के लिए ऐसा कर रहा है

एक ब्राह्मण अपनी पत्नी के साथ एक कुटी में रहा करता था। ये ब्राह्मण काफी गरीब हुआ करता था और जो चीजें इसे दान में मिलती थी उनको खाकर ही इस ब्राह्मण का और इसकी पत्नी का गुजारा होता था। एक दिन ब्राह्मण के घर उसकी पत्नी के रिश्तेदार आने वाले थे। लेकिन इस ब्राह्मण के घर में खाने के लिए केवल थोड़े से ही गेहूं के दाने बचे थे। ब्राह्मण की पत्नी ने उससे कहा कि तुम गेहूं के दानों को साफ कर दो ताकि इनको पीसकर आटा निकाला जा सके और रिश्तेदारों को रोटी दी जा सके। अपनी पत्नी की बात मानकर ब्राह्मण गेहूं को साफ करने लग गया। गेहूं को साफ करने के बाद इस ब्राह्मण ने गेहूं के दानों को जमीन पर बिछा दिया और थोड़ी देर के लिए सो गया।

लेकिन थोड़ी देर बाद जब ब्राह्मण की आंख खुली तो उसने पाया कि गेहूं के दानों को बिल्ली खा रही है। ब्राह्मण ने तुंरत उठकर बिल्ली को भगा दिया। लेकिन बिल्ली ने गेहूं के दानों को जूठा कर दिया था। ब्राह्मण इस सोच में पड़ गया कि वो कैसे जूठे दानों की पीसकर इनकी रोटी बनाकर अपने रिश्तेदारों को खाने को दे।  कुछ देर बाद ब्राह्मण ने इस बात का हल निकाला और सोचा कि क्यों ना इन साफ किए हुए गेहूं के दानों को गांव में जाकर किसी को दे दूं और इनके बदले अशुद्ध (बिना साफ किए) गेहूं के दाने ले लू। ब्राह्मण ने बिना कोई देरी किए इन दानों को जमा किया और गांव चले गया।

ये ब्राह्मण एक घर पहुंचा और इसने वहां पर मौजूद महिला से कहा, आप अपने अशुद्ध गेहूं के दाने मुझे दे दो और उनके बदल आप ये साफ दाने ले लो। मैंने इन दानों को अच्छे से साफ किया हुआ है और इनमें आपको एक भी कंकड़ नहीं मिलेगा। महिला ने सोचा की अगर वो इन गेहूं के दानों को ले लेती है तो वो घर में रखे गेहूं के दानों को साफ करने से बच जाएगा। इस महिला ने ब्राह्मण की बात मान ली और उसे दाने दे दिए। ब्राह्मण ने खुश होकर अशुद्ध गेहूं के दाने ले लिए और बिल्ली द्वारा गंदे किए गए दाने उस महिला को दे दिए।

ब्राह्मण ने अपने घर आकर अशुद्ध दानों को साफ किया और इनको पीसकर आटा निकाल लिया। वहीं अगले दिन ब्राह्मण के घर उसके रिश्तेदार आए और ब्राह्मण और उसकी पत्नी ने रिश्तेदारों की अच्छे से सेवा की। वहीं जब ये रिश्तेदार चले गए तब ब्राह्मण ने अपनी पत्नी को बताया कि बिल्ली ने गेहूं के दानों को खराब कर दिया था और गांव की एक मूर्ख औरत ने गेहूं साफ करने से बचने के लिए  बिल्ली द्वारा गंदे किए गए दानों को मेरे से ले लिए और उसके बदले अशुद्ध दाने मुझे दे दिए। कुछ दिनों बाद ब्राह्मण की पत्नी ने ये बात अपनी एक दोस्त को बताई। जिसके बाद ब्राह्मण की पत्नी की दोस्त ने ये बात उसी महिला को बताई जिसने ब्राह्मण से दाने लिए थे। ये बात सुनने के बाद उस महिला को अपनी गलती का एहसास हो गया।

ब्राह्मण की इस कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती है कि अगर कोई इंसान अपना नुकसान करके आपका फायदे करे तो समझ ले की वो इंसान किसी मतलब के लिए ही ऐसा कर रहा है।

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