दिलचस्प

पंडित और चोर की कहानी: जीवन में कभी भी ना करें किसी अनजान व्यक्ति पर आसानी से विश्वास

एक गांव के मंदिर में काफी विद्वान पंडित रहा करता था और इस पंडित को गांव के लोग खूब सारी चीजें दान के रुप में  दिया करते थे। ये पंडित इन चीजों को दुकानों में बेच देता था और जो पैसे इसे मिलते थे, उन्हें एक पोटली में डाल देता था। पंडित इस पोटली को हर वक्त अपने पास ही रखता है। चीजों को बेचकर इस पंडित ने खूब सारे पैसे जमा कर लिए थे।

एक दिन एक चोर को इस पंडित के बारे में पता चला और चोर ने कुछ दिनों तक इस पंडित का पीछा किया। ये चोर पंडित की पोटली चुराना चाहता था, लेकिन पंडित इस पोटली को हर समय अपने पास ही रखता था। जिसकी वजह से चोर इस पोटली को चुराने में सफल नहीं हो पा रहा था। एक दिन इस चोर ने सोचा की अगर वो पंडित का शिष्य बन जाए तो वो आसानी से पैसों की पोटली को चुरा सकता है। चोर ने बिना कोई देरी किए शिष्य का वेश धारण कर लिया और पंडित के पास चले गया। पंडित से मिलकर इस चोर ने पंडित की खूब तारीफ की और कहा कि ‘मैंने आपके बारे में खूब सुन रखा है और मैं आपको ही अपना गुरू बनाना चाहता हूं’। चोर की बात सुन पंडित खुश हो गया और उसने बिना सोचे समझे उसे अपना शिष्य बना लिया।

बनाई पंडित के दिल में जगह

शिष्य बनकर ये चोर पंडित के साथ ही रहने लगा और रोज पंडित की झूठी तारीफ करने लगा। इस चोर ने झूठी तारीफें कर पंडित के दिल में अपनी जगह बना ली। वहीं एक दिन पंडित को दूसरे गांव से पूजा करने का निमंत्रण आया और पंडित चोर को भी अपने साथ ले गया। पूजा करने के बाद पंडित को खूब सारे पैसे दान में दिए गए और चोर को पंडित का शिष्य समझकर उसे भी कुछ पैसे लोगों ने दिए। चोर को जो पैसे दान में मिले उसने वो पैसे पंडित को दे दिए और पंडित से कहा ‘आप इन पैसों को अपने पास रख लें इनपर आपका ही अधिकार है’। चोर की ये बात सुन पंडित को उसपर और विश्वास हो गया और पंडित ने अपनी पोटली में उसके पैसे रख लिए।

वहीं वापस अपने गांव जाते समय पंडित को गंगा नदी दिखी। पंडित ने सोचा की गंगा नदी में स्नान करना उत्तम रहेगा। पंडित ने अपने शिष्य यानी चोर को भी नदी में स्नान करने को कहा। लेकिन चोर ने नदी में स्नान करने से मना कर दिया और कहा कि आप स्नान कर लो और मैं यहां आपके कपड़ों और सामान की रक्षा करूंगा। जिसके बाद पंडित नदीं में नहाने चले गया और चोर के पास अपने कपड़े और पोटली को छोड़ गया। पंडित के नदी में जाते ही चोर पंडित की पोटली को लेकर भाग गया। पंडित जब नदी से निकला तो उसने पाया कि वहां पर ना ही उसके कपड़े हैं और ना ही उसकी पोटली।

पंडित की इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि इंसान को कभी भी अनजान व्यक्ति की बातों पर यकीन नहीं करना चाहिए। कई बार लोग अपना मतलब निकालने के लिए आप से मीठी- मीठी बताते करते हैं और ऐसे लोगों पर भरोसा नहीं करना चाहिए।

Back to top button