स्वास्थ्य

तेज बुखार के साथ आ रहा है पसीना तो हो सकता है मलेरिया का संकेत, ना करें नजरअंदाज, ऐसे करें बचाव

इंसान जब तक स्वस्थ है तो वो जमाने भर की फिक्र कर सकता है, सफल होने की , आगे बढ़ने की ज्यादा पैसे कमाने की, लेकिन अगर स्वास्थ ही गड़बड़ हो तो सारी बात ही बिगड़ जाती हैं। इंसान को कमजोर करने में और उसकी गति रोकने के लिए कई तरह की बीमारियां जिम्मेदार होती हैं उनमें से एक हैं मलेरिया। इस बारे में कई लोग जागरुक भी नहीं होते हैं इसी के चलते 25 अप्रैल तो वर्ल्ड मलेरिया डे आयोजित किया जाता है ताकी इस बीमारी के बारे में लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरुक किया जा सके।

वर्ल्ड मलेरिया डे का आयोजन वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन करता है और इसका उद्देश्य है इसके इलाज, बचाव और अंतिम तौर पर इस बीमारी को पूरे तरह खत्म करने के लिए किए जा रहे वैश्विक प्रयासों को रेखांकित करना है। इस साल की थीम रखी गई है -जीरो मलेरिया स्टार्ट्स विद मी यानी मलेरिया को शून्य स्तर पर ले जाने की शुरुआत स्वयं से। इसका उद्देश्य है ज्यादा से ज्यादा लोगों का ध्यान इस ओर खींचना।

क्या है मलेरिया रोग

ये एक जानलेवा वेक्टर जनित रोग  है जो मादा एनोफिलीज मच्छरों के काटने से परजीवी के माध्यम से फैलता है जिसे मलेरिया वैक्टर कहते हैं। आपको ये आंकड़े हैरान कर सकते हैं, लेकिन 2017 की एक रिपोर्ट में 87 देशों में 210 मिलियन मामले दर्ज हुए हैं जिसमें से 4,35,000 मरीजों की मौत हो गई है। हालांकि भारत में इन मामलों की संख्या में 24प्रतिशत की कई है है। विश्व मलेरिया रिपोर्च 2018 के अनुसार 2016 की तुलना में ये 3 मिलियन कम है। दुनिया भर के सिर्फ 4 प्रतिशत मलेरिया रोगी अब भारत में है।

मलेरिया मच्छर के काटने की वजह से होते है और ये मच्छर शाम के वक्त ज्यादा एक्टिव रहते हैं। ऐसे में बारिश के मौसम में और इसके अलावा अनकूल संचरण अवधि में भी ये मच्छर ज्यादा एक्टिव रहते हैं और नुकसान पहुंचा देते हैं। बच्चों को इससे ज्यादा सचेत रहने के लिए कहा जाता है क्योंकि वो इससे ज्यादा अफेक्ट होते हैं।

क्या है मलेरिया के लक्षण

कभी हल्की तो कभी तेज ठंड लगना

तेज बुखार

पसीना

सिरदर्द

उल्टी

दस्त

अगर मामला गंभीर हो तो उसके लक्षण हैं

पीलिया

गहरे रंग का पेशाब होना

दौरे पड़ना

बेहोशी की हालत हो जाना

मलेरिया से बचाव

  • किसी भी बीमारी के इलाज से बेहतर होता है उस बीमारी को होने से रोकना। ऐसे ही मलेरिया की इलाज किया जा सकता है।
  • शाम और रात में लंबे आस्तीन के शर्ट और पैर ढके कपड़े पहनें जिससे मच्छर ना काटे
  • मच्छर भगाने वाले रेपलेंट, स्प्रे और मच्छरदानी वाली बिस्तर का इस्तेमाल करे
  • इंसपेक्ट रेपलेंट लगाने से पहले सनस्क्रीन जरुर लगाएं
  • बाहर सोने और कमरे की खिड़कियां खोलने से बचें

क्या है मलेरिया का इलाज

मलेरिया से बचाव का कोई टीका तो नहीं है, लेकिन कुछ एंटी मलेरिया दवाएं हैं जो बीमारी होने की संभावना में कमी लाती हैं जैसे

  • क्लोरोक्विन
  • आर्टसुनेट कॉम्बीनेशन थैरेपी
  • क्विनिन सल्फेट
  • मेफ्लोक्विन

हालांकि मलेरिया एक गंभीर बीमारी है इसलिए इन दवाओं का सेवन खुद से ना करें बल्कि पहले डॉक्टर से इसकी बेहतर जांच कराएं। भारत सरकार भी मलेरिया रोकने के लिए कई आवश्यक कदम उठा रही है। 2017 में ही ये लक्ष्य तय किया गया था की 2030 तक मलेरिया को पूरी तरह से हटाना है।

यह भी पढ़ें

Back to top button