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18 साल की उम्र में ही मां बन गई थी मौसमी चटर्जी, बिना ग्लिसरीन के ही कर लेती थीं रोने वाले सीन

बड़ी बड़ी कजरारी आंखे, सधी हुई नाक और दीवाना बना देने वाली प्यारी सी मुस्कराहट ये पहचान है अपने दौर की संजीदा अभिनेत्री मौसमी चटर्जी की जिन्होंने 70-80 के दशक में अपनी अदाओं और दमदार एक्टिंग से लोगों का मनोरंजन किया। 26 अप्रैल 1953 में कलकत्ता में जन्मी मौसमी अपना 66वां जन्मदिन मना रही हैं। अपने पहली ही फिल्म बालिका वधु से टिकटघर पर भीड़ बटोरने वाली मौसमी चटर्जी के जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें आपको बताते हैं।

पहली बनीं मां फिर बनी हिरोइन

उम्र के जिस पड़ाव पर अभिनेत्रियां अपने करियर की शुरुआत कर रही होती हैं उसी उम्र में मौसमी एक बच्ची की मां बन चुकी थी।। फिल्मों में अपनी शुरुआत को लेकर बात करते हुए मौसमी ने बताया था कि उन्हें अपने पति और ससुराल का कितना सपोर्ट मिला था। मौसमी कहती हैं कि मैं खुशकिस्मत रही की मुझे अच्छा पति और अच्छी बेटियां मिली। यहां तक की मेरे ससुर हेमंत कुमार ने मुझे इस बात का एहसास भी नहीं होने दिया कि मेरे माता पिता मेरे पास नहीं हैं। मैंने अपने पैसे से अपनी पहली गाड़ी खरीदी थी।

महज 18 साल की उम्र में मां बनना मौसमी के अलावा कई लोगों के लिए हैरान कर देने वाला था। मौसमी ने बताया था कि जब उन्हें पहली बेटी हुई तो डॉक्टर का कहना था कि मेरे नर्सिंग होम में पहली बार एक बेबी ने बेबी को जन्म दिया है। उस वक्त कितने ही लोगों का मानना था कि मौसमी ने इतनी कम उम्र में मां बनकर गलती कर दी। लोग कहते थे कि वो अपने करियर को लेकर गंभीर नहीं है। यहां तक की उन्होंने निर्माताओं के पैसे तक लौटा दिए थे।

संजीदा रोल में हिट थी मौसमी

मौसमी की डेब्य़ू फिल्म बंगाली फिल्म बालिका वधू थी, लेकिन करियर की असल शुरुआत उन्होंने 1972 में आई फिल्म अनुराग से की थी। इस फिल्म में मौसमी के हीरो विनोद मेहरा था। इस फिल्म के निर्देशक शक्ति सामंत थे। इस फिल्म में विनोद मेहरा ने एक नेत्रहीन लड़की का किरदार निभाया था। करियर की शुरुआत में ही ऐसा संजीदा रोल करना किसी भी अभिनेत्री के लिए खतरनाक होता है, लेकिन मौसमी ने जैसे खतरों से खेलना ही सीखा था। उन्होंने इस रोले को इतने खूबसूरत तरीके से निभाया की हर कोई उनकी कलाकारी ही देखता रह गया। इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर अव़ॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया था। निर्देशक कहते थे कि मौसमी संजीदा रोल बड़े ही आसानी से कर लेती हैं यहां तक की रोने के लिए उन्हें ग्लिसरीन की जरुरत भी नहीं पड़ती।

मौसमी चटर्जी ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक फिल्में की जिसमें अंगूर, मंजिल और रोटी-कपड़ा और मकान शामिल है। मौसमी ने अपने दौर के कई बड़े अभिनेताओं के साथ काम किया। राजेश खन्ना, शशि कपू, जीतेंद्र, संजीव कुमार, विनोद मेहरा, अमिताभ बच्चन के साथ काम करने वाली मौसमी की जोड़ी सबसे ज्यादा विनोद मेहरा के साथ पसंद की गई। वो दौर ऐसा था जब मौसमी हिंदी सिनेमा की मंहगी अभिनेत्रियों में से एक थी। कुछ साल पहले फिल्म पीकू में भी मौसमी नजर आई थी।फिल्मों के बाद अब मौसमी राजनीति की तरफ बढ़ चुकी हैं। हाल ही में उन्होंने बीजेपी ज्वाइन की है। उनके जीवन में उनकी बेटी को लेकर भी विवाद चल रहा है, लेकिन वो इन सारी बातों को अच्छे तरीके से संभाल रही हैं।

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