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अपने IPS बेटे को कॉन्स्टेबल पिता ने गर्व के साथ किया सैल्यूट, एक ही जिले में एक साथ कर रहें हैं काम

हर मां-बाप की बस एक ही कोशिश होती है कि वो अपने बच्चों कोे अच्छी शिक्षा दें सकें। ताकि उनके बच्चे जीवन में ऊंचा पद हासिल कर सकें। अपने बच्चे को अपने से भी ऊंचे मुकाम में देखने का सपना लखनऊ के एक हवलदार ने भी देखा था और इस सपने को उनके बेटे ने सच करके दिखाया है। जर्नादन जो कि एक हवलदार हैं, उन्होंने अपने बेटे की शिक्षा पर खासा ध्यान दिया और उनकी मेहनत की वजह से ही उनका बेटा आज एक आईपीएस अधिकारी बन पाया है। इतना ही नहीं जिस जिले में जर्नादन कॉन्स्टेबल है उसी जिले का सबसे बड़ा आधिकारी उनका बेटा अनूप कुमार सिंह है। अपने बेटे अनूप कुमार सिंह के साथ काम करके जर्नादन का सीना गर्व से चौड़ा हो गया और वो बेहद ही खुश हैं। जर्नादन को इस चीज की काफी खुशी है कि उनके जिले का सबसे बड़ा अधिकारी उनका अपना बेटा है।

जर्नादन ने किया अपने बेटे को सैल्यूट

दरअसल अनूप कुमार सिंह का ट्रांसफर हाल ही  में उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी लखनऊ में किया गया है और इस जगह पर ही जर्नादन बतौर कॉन्स्टेबल के रूप में कार्य करते हैं। अपने IPS बेटे के साथ काम करने से जर्नादन बेहद ही खुश है। जब पहली बार उनका बेटा उनके सामने उनका बड़ा अधिकारी बनकर आया तो जर्नादन ने गर्व के साथ अपने बेटे को सैल्यूट किया। अपने बेटे को लखनऊ के SP के पद पर देखकर जर्नादन की आंखों में आसू आ गए। जर्नादन ने अपने बेटे पर गर्व करते हुए कहा है कि वो काफी खुश है कि उनका बेटा इतने बड़े पद पर है और हम इस बात का हमेशा ध्यान रखेंगे कि कभी भी हमारे कर्तव्य के बीच हम लोगों का रिश्ता ना आ सके।

वहीं अनूप ने भी अपने पिता के संघर्ष को याद किया और बताया कि आज वो जो भी हैं वो उनके पिता की बदौलत हैं। अनूप के मुताबिक उनके पिता ने कभी भी उनकी पढ़ाई में कोई कमी नहीं रहने दी और उनके पिता ने अनूप की बहन की पढ़ाई पर भी खूब ध्यान दिया है। अनूप ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया उनके पिता उन्हें और उनकी बहन को एक साथ साईकिल पर बैठा कर स्कूल ले जाया करते थे। उनके पिता की उस समय ज्यादा सैलरी नहीं हुआ करती थी। मगर उनके पिता ने कभी भी पैसों की वजह से अपने बच्चों की पढ़ाई में किसी भी तरह का समझौता नहीं किया।

पिता की सीख ने पहुंचा इस मुकाम पर

अनूप ने बताया की बचपन में उनके पिता ने उन्हें सीख दी थी कि जीवन में कोई भी काम छोटा या फिर बड़ा नहीं होता है। किसी भी काम को जब आप करते हैं तो उस काम के लिए आपको अपना पूरा 100 प्रतिशत देना होता है। जर्नादन की और से अपने बेटे को दी गई इस सीख ने ही उन्हें आज इस पद पर पहुंचाया है। वहीं अपने पिता के सपने को सच करने के लिए अनूप ने भी कड़ी मेहनत करके आज ये मुकाम पाया है।

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