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पहली बार डॉक्टरों ने दूरबीन विधि से किया दिल का छेद बंद, बचाई मासूम की जान

हाल ही में डॉक्टरों ने दूरबीन विधि की मदद से एक छोटी लड़की के दिल के छेद को बंद किया है, जिसके साथ ही ये पहला ऐसा मामला है जिसमें इस तकनीक का इस्तेमाल कर डॉक्टरों ने दिल के छेद को बंद किया है। बताया जा रहा है कि कानपुर स्थित कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट के डॉक्टरों ने एक लड़की के दिल के छेद को बंद करने के लिए आपरेशन की जगह दूरबीन विधि को अपनाया है और दूरबीन विधि की मदद से आंधे घंटे के अंदर ही बच्ची के दिल के छेद को बंद कर दिया गया है।

10 साल की लड़की का किया इलाज

उत्तर प्रदेश के अकबरपुर में रहने वाली 10 साल की काजल के दिल में छेद था और काजल के दिल के छेद का इलाज कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट के डॉक्टरों ने किया है। डॉक्टरों ने काजल के दिल के छेद को बंद करने के लिए आपरेशन करने की जगह दूरबीन विधि को चुना। जिसके चलते काजल के दिल के छेद को बिना कोई चीरफाड़ के उपकरण का इस्तेमाल किए बंद कर दिया गया। इतना ही नहीं काजल का ये इलाज असाध्य रोग निशुल्क उपचार योजना के तहत किया गया है, जिसके चलते काजल के परिवार वालों से इलाज करने के लिए एक रुपया भी नहीं लिया गया हैं।

उत्तर भारत में पहली बार दूरबीन विधि  से किया इलाज

काजल का इलाज करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि उत्तर भारत का ये पहला मामला है, जहां पर वेंटरीकुलआर सेप्टल डिफेक्ट (वीएसडी) की बीमारी में दिल के छेद को उपकरण लगाकर बंद किया है। कार्डियोलॉजी के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. एस.के सिन्हा के मुताबिक काजल के दिल में जन्म से ही छेद था और दिल में छेद होने की वजह से काजल को अक्सर सर्दी-जुकाम, घबराहट और सांस की परेशानी रहती है। काजल की इन परेशानियों को देखते हुए उसका कार्डियोलॉजी टेस्ट करवाया गया था और टेस्ट में पाया की काजल के दिल में छह मिमी मस्कुलर वेंटरीकुलआर सेप्टल डिफेक्ट है। जिसके बाद काजल का इलाज करने का फैसला लिया गया और काजल की दिल की बीमारी का इलाज करने के लिए डॉक्टरों ने आपरेशन की जगह  दूरबीन विधि का विकल्प बेहतर समझा।

20 मिनट में किया गया इलाज

केवल 20 मिनट में ही काजल का इलाज कर दिया गया और काजल के इलाज के दौरान किसी भी तरह के चीरफाड़ के उपकरण का प्रयोग डॉक्टरों ने नहीं किया। डॉक्टरों ने ये इलाज करने के बाद बताया कि काजल का इलाज  20 मिनट के अंदर ही हो गया। जबकि इलाज के बाद काजल को चार अप्रैल को अस्पताल से डिस्चार्ज  भी कर दिया गया। आपको बता दें कि दूरबीन विधि की मदद से पथरी, कैंसर जैसी बीमारियों का भी इलाज किया जाता है।

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