अध्यात्म

चमत्कार: इस मंदिर में हर साल बढ़ रहा है शिवलिंग का आकार, जानें इस मंदिर से जुड़ी कथा

मध्यप्रदेश राज्य में बना देवास महाकालेश्वर मंदिर पूरे भारत में काफी प्रसिद्ध है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में रखे हुए शिवलिंग का आकार हर साल बढ़ रहा है। इस मंदिर में काम करने वाले और इस मंदिर के आसपास रहने वाले लोगों का ये दावा है कि शिवलिंग की ऊंचाई साल में एक बार जरूर बढ़ती है। देवास गांव के स्थानीय लोगों की मानें तो मंदिर में मौजूद शिवलिंग स्वयंभू है यानी खुद ही प्रकट हुआ है और इसकी ऊंचाई बढ़ रही है। इस मंदिर के पास बने घरों में रहने वाले लोगों के अनुसार वो बचपन से ही इस मंदिर में जाया करते हैं और उन्होंने खुद शिवलिंग का आकार बढ़ता हुआ देखा है। इस गावं के लोगों का कहना है कि किसी को भी इस बात का अहसास पहले नहीं हुआ था कि मंदिर में रखे गए शिवलिंग का आकार बढ़ रहा है, लेकिन पांच सालों के बाद शिवलिंग के आकार को पहले के मुकाबले लोगों ने बड़ा पाया।

शिवरात्रि के दौरान बढ़ता है आकार

इस मंदिर में आने वाले भक्तों की मानें तो मंदिर में रखे गए शिवलिंग का आकार साल में केवल एक बार ही मात्र एक तिल के सामान बढ़ता है। भक्तों की बातों पर यकीन किया जाए तो इस शिवलिंग का आकार हर शिवरात्रि के दिन बढ़ता है और तिल के जितना आकार बढ़ने के कारण लोगों को आकार के बढ़ने का पता नहीं चल पाता है।

काफी बढ़ चुकी है शिवलिंग की ऊचांई

इस मंदिर में रखे गए शिवलिंग को देखने के लिए दूर दूर से लोग यहां पर आते हैं और जो लोग काफी सालों से इस मंदिर में आ रहे हैं, उनके अनुसार शिवलिंग की ऊंचाई पहले की तुलना में काफी बढ़ गई है। वहीं इस मंदिर से एक कथा भी जुड़ी हुई है और उस कथा के अनुसार ये शिवलिंग खुद ही इस जगह पर प्रकट हुआ था।

क्या है पूरी कथा

गौरीशंकर नामक एक पंडित देवास गांव में रहा करता था। गौरीशंकर रोजाना सुबह उज्जैन जाकर महाकाल के दर्शन किया करता था और फिर वापस देवास आकर खाना खाया करता था। लेकिन एक बार देवास गांव में काफी तेज बारिश हो गई और इस बारिश के कारण गौरीशंकर उज्जैन जाकर महाकाल के दर्शन नहीं कर सका। महाकाल के दर्शन ना करने के चलते गौरीशंकर ने अन्न को त्याग दिया। वहीं ये बारिश काफी दिनों तक लगी रही और गौरीशंकर के खाना ना खाने के चलते उन्हें कमजोरी होने लग गई।गौरीशंकर की तबीयत को खराब होता देख उनको शिव जी ने दर्शन दिए और उनसे कहा की वो जहां पर भी पांच बिल्वपत्र को रख देंगे वहां पर ही महाकाल स्थापित हो जाएंगे।

शिव जी से मिले इस वरदान के बाद देवास के एक टीले पर गौरीशंकर ने बिल्वपत्र रख दिए और वहां पर महाकाल प्रकट हो गए। जिसके बाद इस गांव के लोगों ने इस जगह पर मंदिर का निर्माण करवा दिया। वहीं मंदिर का निर्माण करवाने के कुछ सालों बाद लोगों ने पाया की महाकालेश्वर मंदिर में प्रकट हुए महाकाल यानी शिवलिंग लगातार बढ़ रहा है। शिवलिंग के बढ़ने की बात धीरे धीरे दूसरे गांवों में भी फैल गई और अब इस मंदिर को पूरे भारत में जाना जाने लगा है। हर साल लाखों की संख्या में लोग इस मंदिर में आया करते हैं और शिवलिंग के दर्शन किया करते हैं।

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