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मद्रास हाईकोर्ट के आदेश पर गूगल और एपल ने किया टिकटॉक ऐप को ब्लॉक

मद्रास हाईकोर्ट के टिकटॉक (TikTok) ऐप को भारत में बैन करने के फैसले का पालन करते हुए गूगल और एपल ने इस ऐप को अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया है। अब ये ऐप गूगल के प्ले स्टोर पर उपलब्ध नहीं है और इसको डाउनलोड नहीं किया जा सकता है। हाल ही में चीन की कंपनी बाइटडांस टेक्नोलॉजी (Bytedance Technology) की और से इस ऐप पर लगे बैन को हटाने की याचिका कोर्ट से डाली गई थी। लेकिन मद्रास हाईकोर्ट ने अपने फैसले को बरकरार रखा और इस ऐप पर से बैन हटाने को मनाकर दिया।

इस ऐप के खिलाफ दायर की गई थी याचिका

टिकटॉक ऐप को लेकर एक व्यक्ति ने जनहित की याचिका मद्रास हाईकोर्ट में दायर की थी और इस याचिका में इस व्यक्ति ने इस ऐप पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। इस याचिका पर मद्रास हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए टिकटॉक ऐप पर बैन लगाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने अपने बैन लगाने वाले आदेश में कहा था कि ये ऐप पॉर्नोग्राफी को बढ़ावा दे रही है और इस ऐप का असर बच्चों पर पड़ा रहा है। साथ में ही कोर्ट ने मीडिया को टिकटॉक से बने वीडियो का प्रसारण ना करने का भी आदेश दिया था। कोर्ट के फैसले के बाद इस ऐप को बनाने वाली कंपनी बाइटडांस टेक्नोलॉजी ने कोर्ट में एक याचिका दायर कर कोर्ट से अपने बैन के फैसले को वापस लेने को कहा था। लेकिन कोर्ट ने अपने बैन लगाने के फैसले को कायम रखा है।

लिखा गया था गूगल और एपल को पत्र

केंद्रीय सरकार को मद्रास हाईकोर्ट से निर्देश मिलने के बाद आईटी मंत्रालय की और से  गूगल और एपल कंपनी को एक पत्र लिखा गया था और उस पत्र में इन दोनों कंपनी से मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने को कहा गया था। आईटी मंत्रालय की और से लिखे गए इस पत्र के बाद गूगल ने प्ले स्टोर से टिकटॉक को हटा दिया है और अब ये वीडियो ऐप गगूल के प्ले स्टोर से डाउनलोड नहीं की जा सकती है। गूगल ने मंगलवार देर रात के बाद इस ऐप को अपने प्ले स्टोर से हटाया है। साथ में ही गूगल ने एक बयान भी जारी किया है जिसमें गूगल ने कहा है कि वो स्थानीय कानूनों का पालन कर रहा है। वहीं एपल ने भी बुधवार को अपने प्लेटफॉर्म से इस ऐप को हटा दिया है।

मद्रास हाईकोर्ट की और से आए टिकटॉक ऐप पर बैन लगाने के फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका डाली गई है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के इस फैसले पर अभी रोक लगाने से मना कर दिया है और अब इस मामले की अगली सुनवाई 24 अप्रैल को की जानी है।

गौरतलब है कि ये ऐप काफी कम समय के अंदर ही भारत में बहुत फेमस हो गई थी और इस ऐप के जरिए लोग अपनी वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया करते थे। एक रिपोर्ट के अनुसार हमारे देश में करीब 240 मिलियन लोग इस ऐप का इस्लेमाल कर रहे हैं। इस चीनी ऐप को लेकर समय समय पर कई लोगों ने अपत्ति भी जताई थी और इस ऐप को अश्लील करार दिया था।

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