अध्यात्म

कब और कैसे करें गायत्री मंत्र का जाप करना होता है असरदार, जानें सही समय और नियम

हमारे ग्रन्थों और शास्त्रों में मंत्रों की शक्ति को हमेशा से ही सर्वश्रेष्ठ बताया गया है और अब तो विज्ञान भी मंत्रों की शक्ति को मानने लगा है। शास्त्रों के अनुसार बताया गया है की मंत्रों में अपार ऊर्जा भरी हुई है और यदि सही प्रकार से मंत्रों के उच्चारण किया जाये तो इससे कई बिगड़े हुए काम भी आसानी से बन जाते है साथ ही साथ कई तरह के असाध्य कामों को भी किया जा सकता है। कुछ इसी प्रकार से गायत्री मंत्र भी है जिसके जाप करने से किसी भी प्रकार की समस्या को दूर किया जा सकता है। मनचाही वस्तु प्राप्ति और इच्छा पूर्ति के लिए मंत्र जप से अधिक अच्छा साधन कोई और नहीं है और तो और सभी मंत्रों में गायत्री मंत्र सबसे दिव्य और चमत्कारी है। मगर यहाँ पर ध्यान देने वाली बात ये हैं की इस मंत्र का सही तरह से जाप होने पर ही इसका लाभ मिलता है।

 

जैसा की हम सभी जानते हैं किसी भी कार्य को करने का कोई एक निश्चित समय और विधि होती है तभी वह कार्य सफल होता है ठीक उसी प्रकार से गायत्री मंत्र के जाप का भी एक सही समय होता है जिस दौरान इसका जाप करने से इसका पूरा पूरा लाभ मिलता है। तो चलिये जानते हैं कब और कैसे करें गायत्री मंत्र का जाप और क्या हैं इससे जुड़े नियम जो हमे दिलाते हैं सरदार लाभ।

गायत्री मंत्र

ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्।।

गायत्री मंत्र का अर्थ

शास्त्रों में इस मंत्र को बेहद ही शक्तिशाली मंत्र बताया गया है और आपको बता दें की किसी भी शुभ कार्य या फिर दिन की शुरुवात करने से पूर्व अक्सर ही इसका जाप किया जाता है। इस मंत्र का अर्थ इस प्रकार से है, सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, परमात्मा का वह तेज हमारी बुद्धि को सद्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें।

मंत्र जपने के नियम

आपको बताते चलें की हमारे शास्त्रों में इस बारे में बताया गया है की मंत्र जाप के द्वारा सर्वोत्तम फल प्राप्ति की जा सकती है और ऐसे में इन मंत्रों का जाप नियमित रूप से तथा अनुशासनपूर्वक करना चाहिए। कहा जाता है की वेद मंत्रों का जाप केवल उन्हीं लोगों को करना चाहिए जो पूर्णरूप से शुद्धता एवम स्वच्छता का पालन कर सकते हैं तथा आपको यह भी बता दें की किसी भी मंत्र का जाप प्रतिदिन कम से कम 108 बार जरूर करना चाहिए तभी आपको उसका उचित फल प्राप्त होता है।

मंत्र जाप का समय

आपकी जानकारी के लिए बताते चलें की गायत्री मंत्र जाप के लिए तीन समय बताए गए हैं, जप के समय को संध्याकाल भी कहा जाता है। इसलिए सूर्योदय होने से पहले उठकर जब तक आसमान में तारे दिखाई दे, संध्याकर्म के साथ गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए, यह समय सबसे ज्यादा प्रभावशाली माना जाता है।

इसके अलावा आपको बता दें की गायत्री मंत्र के जाप के लिए दूसरा समय है दोपहर का, दोपहर में भी इस मंत्र का जाप किया जाता है।

तथा आपको बता दें की इस प्रभावशाली गायत्री मंत्र के जाप का तीसरा समय शाम को सूर्यास्त से कुछ देर पहले का है। बताते चलें की सूर्यास्त से पहले मंत्र जाप शुरू करके सूर्यास्त के कुछ देर बाद तक जाप करना चाहिए, यह तीनों समय ही इस मंत्र के जाप के लिए सबसे उचित समय माना जाता है।

Back to top button