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रिटायरमेंट की उम्र में इन 8 लोगों ने रच दिया इतिहास, कईयों ने 100 साल किए सॉलिड काम

इंसान बचपन में पढ़ाई करता है, जवानी में काम करता है और 60 साल के बाद रिटायमेंट लेकर आराम करता है. आमतौर पर लोगों का जीवन कुछ इस तरह से होता है लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनका सपना अपनी पहचान बनाने का है, बेशक वो ये सपना बचपन में देखते होंगे लेकिन समय के साथ-साथ वो धुंधला होता जाता है. जैसे ही उन्हें मौका मिलता है तो वो पहचान बना लेते हैं जिसकी उन्हें ख्वाहिश होती है फिर उसके बाद उम्र नहीं देखी जाती. भारत में ऐसे ही कुछ लोग हुए हैं रिटायरमेंट की उम्र में इन 8 लोगों ने रच दिया इतिहास, सभी की उम्र 70 साल के पार है.

रिटायरमेंट की उम्र में इन 8 लोगों ने रच दिया इतिहास

ना उम्र का हो बंधन…….याद आया ? ये जगजीत सिंह के फेमस गाने की लाइन्स हैं जिसे आप भी पसंद करते हूी होंगे. ऐसा हमारे देश में रहने वालों ने साबित किया है जो रिटायमेंट की उम्र में लोगों की ताकत बनकर सामने आए. ये इन सब लोगों के लिए मिसाल बने जो ये सोचते हैं कि अब हम बूढ़े हो चुके हैं और अब क्या कर सकते हैं.

लक्ष्मी श्रीवास्तव

ओल्ड एज हॉस्पिटल में रहने वाली लक्ष्मी की उम्र 87 साल हैं और इन्होंने इग्नू में के भोजन एवं पोषण सर्टिफ़िकेट कोर्स में अपना एडमिशन कराया. जब वो पहली क्लास अटेंड करने इंग्नू के सेंटर पहुंचीं, तो उनके इस जज़्बे को सलाम करते हुए सभी ने तालियों के साथ उनका सम्मान किया.

श्याम शरण नेगी

लगभग 102 साल के श्याम शरण नेगी भारत के पहले वोटर हैं, जो साल 1951 से लेकर आज तक वोट करते आ रहे हैं. ये भारत के पहले वोटर हैं जो आज भी वोट देते हैं और आपको बता दें कि आज़ाद भारत का पहला चुनाव साल 1952 में हुआ था. श्याम शरण नेगी जी सभी तक 32 बार वोट दे चुके हैं.

फौजा सिंह

लगभग 107 साल की में फ़ौजा सिंह का जज्बा बहुत ही जोश से भरा हुआ है. साल 2011 में टोरंटो मैराथन में हिस्सा लेकर फ़ौजा जी सबसे उम्रदराज मैराथन धावक माने गये थे.

मान कौर

सबसे उम्रदराज़ विमेन एथलीट में मान कौर का नाम शामिल है. इनकी उम्र लगभग 103 साल है और इन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में अब तक 20 मेडल हासिल किया है.

गोल्डन विमेन रुखमण नशीने

77 साल की उम्र में भिलाई की दादी ने CG की दौड़ प्रतियोंगिता में 8 गोल्ड और 1 सिल्वर मेडल जीत लिया है. इसे जीतकर वो उन सभी बुुजुर्ग महिलाओं की प्रेरणा बन चुकी हैं जो एक उम्र के बाद अपने जीवन से हार जाती हैं. रुखमणी बीएसपी की सर्विस से रिटायर्ड हैं और उन्होंने अपने पति को देखकर खेल-कूद की इस दुनिया में क़दम रखा था.

सुमित्रा राय

107 साल की उम्र वाली सुमित्रा राय सिक्किम की सबसे बुज़ुर्ग महिला मतदाता बनी. इन्होंने इस बार के इलेक्शन में भी अपना वोट दिया है और ये व्हील-चेयर पर बैठकर साउथ सिक्किम के पोक्लोक कमरंगंड स्थित कमरंग सेकेंडरी स्कूल के पोलिंग बूथ पर मतदान देने पहुंचकर सबको हैरान कर दिया था.

सालूमरदा थिमक्का

104 साल की उम्र वाली थिमक्का ने 400 बरगद के पेड़ लगाकर सबको हैरानी में डाल जिया था. थिमक्का आज भी मज़दूरी करके अपना गुज़ारा करती हैं.

देवकी अम्मा

85 साल की उम्र में देवकी अम्मा ने एक पेड़ से शुरूआत की थी और आज अलापुज़ा ज़िले के एक गांव में 5 एकड़ की ज़मीन पर हरा-भरा जंगल बना दिया है. इस जंगल में करीब 1000 पेड़ लगे हैं और इनके इसी योगदान के लिए साल 2019 में ‘नारी शक्ति पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था. वृक्षारोपण के लिए उन्हें ‘इंदिरा प्रियदर्शनी वृक्षमित्र अवॉर्ड’ से भी नवाज़ा गया है.

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