राजनीति

भाजपा की रैली फ्लॉप कराने के लिए इंदिरा गांधी की थी ये हरकत, दूरदर्शन पर दिखाई ये सुपरहिट फिल्म

लोकसभा चुनाव-2019 का दौर चल रहा है जिसके लिए चुनाव का सिलसिला शुरु हो चुका है और 23 मई की शाम तक पता चल जाएगा कि अगले 5 साल कौन सी सरकार सत्ता में आने वाली है. वैसे भारत की दो बड़ी पार्टी कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने है और वे एक-दूसरे को पीछे करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. दोनों की पार्टी के नेताओं ने जगह-जगह अपनी रैलियां की जिसमें दोनों एक-दूसरे को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है. यही सच्चाई है राजनीति की जिसमें कोई भी किसी भी हद तक जा सकता है और ऐसा आज से नहीं बल्कि दशकों से चला आ रहा है. एक दौर तब था जब लोकसभा चुनाव में भाजपा की रैली फ्लॉप कराने के लिए इंदिरा गांधी की थी ये हरकत, उन्होंने अटल बिहारी वाजपेई की रैली को रोकने के लिए किया था ये काम.

भाजपा की रैली फ्लॉप कराने के लिए इंदिरा गांधी की थी ये हरकत

जिस तरह से आज चुनावी माहौल के दौरान कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे के सामने खड़ी है वैसे ही हमेशा से हो रहा है. ये बात साल 1977 की है जब वाजपेई की रैली को कवर करने पहुंची पत्रकार तवलीन सिंह ने बीबीसी से बातचीत करते हुए शेयर किया. उन्होंने बताया कि साल 1977 के समय दिल्ली के रामलीला मैदान में उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ भाजपा ने एक रैली निकालने का निश्चय किया और इस रैली की कुछ यादें ताजा करते हुए तवलीन ने बताया, ‘यह शायद वाजपेयी की विंटेज रैली का सबसे अच्छा उदाहरण रहा है. उस समय कड़ाके की ठंड के बीच बूंदा-बांदी हो रही थी और उसी में वाजपेयी जी की रैली होनी थी. इतनी परेशानियों के बीच करीब हजार लोग वाजपेयी जी को सुनने रामलीला मैदान में जमा हो गए थे.’ इस बात को आगे बढ़ाते हुए तवलीन कहती हैं, ‘इन सबमें दिलचस्प बात ये है कि उस समय इंदिरा सरकार ने उस रैली को रोकने के लिए उस दौर की सुपरहिट फिल्म बॉबी का प्रसारण करा दिया था, जिससे लोग फिल्म देखने में बिजी हो जाएं और वाजपेयी जी की रैली फ्लॉप हो जाए.’

भाजपा की रैली शाम 4 बजे शुरु हुई और अटलजी की बारी आते-आते रात के 9 बज गए थे लेकिन मैदान में जमा हजारों लोगों ने किसी भी सूरत में वहां हटने का मन नहीं बनाया. सभी वाजपेयी जी को सुनना चाहते थे और जनता ने ठंड की बिल्कुल भी परवाह नहीं की और उस समय का ये मंजर देखने लायक था. जनता ने ना ठंड की परवाह की और ना ही फिल्म बॉबी की परवाह की वे बस वाजपेयी जी के लिए मैदान में डटे रहे. यह वाजपेयी जी का जादू था कि सरकार का उनकी रैली को फ्लॉप करने का इरादा असफल रहा.

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