अध्यात्म

नवरात्रि में माता के इस दरबार में होती है सभी मनोकामनाएं पूरी, उमड़ती है भक्तों की भीड़

न्यूज़ट्रेंड वेब डेस्क: चैत्र नवरात्रों का शुरूआत शनिवार के दिन से हो गई हैं। इस नौं दिनों में भक्तजन माता के अलग-अलग नौ स्वरूपों की आराधना करेंगे। इन दिनों में माता के मंदिरों में भी भक्तों का मेला लगा रहेगा। बता दें कि आगरा में देवी का एक ऐसी मंदिर हैं जिसके बारे में मान्यता है कि नवरात्रि के दिनों में सच्चे मन से जाकर उस मंदिर में कुछ भी मांगो वो सबी मुरादें पूरी हो जाती है। इस वजह से यह मंदिर काफि प्रसिद्ध भी है।

बता दें के आगरा के एक जिले में देवी मां का एक मंदिर हैं जो सैकड़ों सालों पुराना है और हर नवरात्र में इस मंदिर में भक्तों की भीड़ लगती है और विशेष पूजा अर्चना होती है। यह मंदिर आगरा के नालबंद स्थित सिद्धपीठ मंदिरों मे से एक हैं। प्रजापति देवी मंदिर का इतिहास 300 सालों से भी पुराना हैं। नवरात्रि के दिनों में दूर-दूर से भक्त माता के दर्शन के लिए आते हैं।

उस मंदिर में महंत के तौर पर रहने वाले पंडित खुशीराम ने बताया कि पुराने समय में यहां पर एक बगीचा हुआ करता था। जिसमें माता की मूर्ति की स्थापना की गई थी। जिसके बाद  लगभग 40 साल पहले इस मंदिर की स्थापना की गई हैं। मंदिर को बनाने का काम भक्त बटेश्वर निवासी कन्हैया लाल ने किया था उन्होंने ही इस मंदिर की नींव रखी थी। जिसके बाद और लोगों के सहयोग से इस मंदिर का निर्माण कराया गया है।

नवरात्रों पर लगता है मेला

बता दें कि नवरात्रि में नौं दिनों पर यहां माता की भव्य झांंकी निकाली जाती है। मेले का आयोजन होता है। माता का जागरण होता है। इन नौं दिनों में इस जिले में रौनक सी हो जाती है। वहीं पूरे नौ दिन माता के दरबार को अच्छे और भव्य तरीके से सजाया जाता है। यहां पर माता के दर्शन करने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। ऐसी मान्यता है कि दर्शन करने और सच्चे मन से मांगी गई सभी दुआएं यहां पर पूरी होती हैं।

वहीं इस मंदिर की बखान करते हुए वहां रहने वाले स्थानीय निवासियों ने बताया कि वैसे तो इस मंदिर में रोज ही पूजा-अर्चना होती है, लेकिन नवरात्रों के दिनों में यहां लोगों की भीड़ देखते ही बनती है। उन्होंने बताया कि नवरात्रि के दिनों में इस मंदिर में पूजा का विशेष महत्व होता है। माता के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। मनोकामना प्राप्ति के लिए प्रसिद्ध इस मंदिर में नौ दिन ऐसे होते हैं कि माता के मंदिक की भव्यता और सजावट देखते ही बनती है।

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