विशेष

जो सामने होता है हम उसकी कद्र नहीं करते और बेहतर की तलाश में भटकते रह जाते हैं

बहुत साल पहले गांव में एक सुंदर स्त्री रहती थी। वो रुप और गुण में सबसे आगे थी। पढ़ाई लिखाई में भी चतुर थी। उसके माता पिता को उसके विवाह की चिंता होती रहती थी। माता पिता उसके लिए कई रिश्ते लाते, लेकिन वो हर रिश्ते के लिए मना कर देती।  उसके माता पिता ने उससे पूछा कि उसे कोई और पसंद  है क्या तो वो ना में जवाब दे देती। एक दिन थक हार कर माता पिता ने उस लड़की को एक बाबा के पास भेजा जो उसे विवाह के बारे में समझा सके।

बाबा से लड़की ने किया सवाल

ल़ड़की बाबा के पास गई तो उसने बाबा से पूछा कि बाबा अक्सर लोगों को सच्चा प्यार क्यों नहीं मिलता? हर किसी को प्यार की तलाश है फिर भी लोगों को प्यार नहीं मिलता। इसकी वजह क्या है? मुझे भी ऐसे ही प्यार की तलाश है, जब तक वो मिल नहीं जाता तब तक मैं किसी और से विवाह कैसे कर सकती हूं। बाबा ने उसके प्रश्नों को ध्यान से सुना और कहा मै तुम्हारे सारे सवालों का जवाब दूंगा तुम सबसे पहले बाग में जाओ और सबसे सुंदर फूल को तोड़ कर ले आओं। इस बात का ध्यान रहे की जो फूल तुम्हें सबसे सुंदर लगे वहीं तोड़ कर लाना।

लड़की तुरंत ही पास के एक बाग में गई औऱ सुंदर फूल खोजने लगी। वहां पर ढेर सारे सुंदर फूल थे, इसलिए वो सोचने लगी की इनमें से कौन सा फूल ज्यादा सुंदर होगा। वो आगे बढ़ी तो उसकी नजर एक बेहद ही खूबसूरत फूल पर पड़ी। उसने सोचा कि ये फूल तोड़ लेना चाहिए। फिर उसे लगा कि बाग बहुत बड़ा है और आगे और भी सुंदर फूल होंगे मुझे थोड़ा और देख लेना चाहिए।

वो फिर आगे बढ़ी तो उसे और कोई फूल इतना सुंदर नहीं मिला। इसके बाद उसने सोचा की जो फूल सबसे सुंदर लगा था उसे ही बाबा को दे देना चाहिए। जब वो दोबारा उस जगह पर फूल लेने लौटी तब तक उसने देखा की कोई और उस फूल के लेकर जा चुका था। उसे अफसोस होने लगा और बाद में वो खाली हाथ बाबा के पास लौट आई।

जो सामने होता है हम उसकी कद्र नहीं करते

लड़की ने बाबा से कहा- मैंने एक बेहद ही सुंदर फूल देखा था वो ही आपके लिए लाने वाली थी, लेकिन फिर मुझे लगा कि और भी खूबसूरत फूल मिल जाएंगे और मैं आगे बढ़ गई, जब लौट के आई तो देखा की वो फूल वहां पर पहले ही किसी ने ले लिया था। इस वजह से मैं आपके लिए वो फूल नहीं ला पाई।

बाबा ने कहा- मैं भी तुम्हें यही समझाने की कोशिश कर रहा था कि जैसे एक सुंदर फूल को देखकर तुम उसे नहीं तोड़ पाई ऐसे ही सामने किसी अच्छे इनसान को भी देखकर तुम उसे अपना जीवनसाथी नहीं बना पाती हो। इसकी वजह ये है कि तुम्हें लगता है कि उस व्यक्ति से भी सुंदर व्यक्ति तुम्हें मिल जाएगा, लेकिन जब तुम्हें एहसास होता है कि जो व्यक्ति सबसे अच्छा था उसे पहले ही कोई और ले गया रहता है। तुम्हें अब पता चल गया ना कि ज्यादा अच्छे पाने की लालसा में जो अच्छा है तुम उसे भी गंवा बैठती हो। हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए की ज्यादा बेहतर पाने की चाह में कई बार हम वो भी खराब कर बैठते हैं जो हमारे लिए अच्छा है। जो सामने  हो हमें उसी की कद्र करनी चाहिए।

यह भी पढ़ें

Back to top button