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अगस्ता वेस्टलैंड डील में ED का बड़ा खुलासा, ‘2004 से 2016 के बीच ‘RG’ ने ली 50 करोड़ की घूस’

यूपीए सरकार में तरह तरह के घोटालों की बात आए दिन मीडिया में आती रही थी, जिस पर अब जाकर जांच हो रही है। जी हां, इसी कड़ी में अगस्ता वेस्टलैंड सौदे की भी जांच की जा रही है, जिसमें अब प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ा खुलासा किया है। चुनावी माहौल से ठीक पहले अगस्ता वेस्टलैंड सौदे के मुख्य आरोपी को भारत लाया गया था, जिसके बाद लेकर अब तक उससे प्रवर्तन निदेशालय सवाल पूछ रहा है। इन सबके बीच प्रवर्तन निदेशालय के बड़े खुलासे से देश की राजनीति में भी बड़ा भूचाल देखने को मिल सकता है। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?

प्रवर्तन निदेशालय ने गुरूवार को दावा किया कि संक्षिप्त रूप से ‘RG’ के नाम से जाने जाने वाले व्यक्ति ने अगस्ता वेस्टलैंड सौदे के संबंध में 2004 से 2016 के बीच ₹50 करोड़ रुपये घूस में मिली है। इस खुलासे के बाद हर कोई यही जानना चाह रहा है कि आखिर RG है कौन? खैर, आपको बता दें कि RG कौन है, यह तो फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय को भी नहीं पता है। प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि RG ने घूस ली है, यह तो तय है, लेकिन ये कौन है, इसके बारे में हमारे पास कोई जानकारी नहीं है।

सुशेन गुप्ता ने दी संक्षिप्त जानकारी

25 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय यानि ED ने मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम सुशेन गुप्ता को अरेस्ट किया था, लेकिन अब जब उससे पूछताछ हो रही है, तो वह केवल संक्षिप्त में जानकारी दे रहा है, जिससे प्रवर्तन निदेशालय को गुमराह किया जाए। प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि सुशेन जानबूझकर छोटी छोटी जानकारी दे रहे हैं, ताकि हमारे जांच को गलत ठहरा सके, ऐसे में अब प्रवर्तन निदेशालय पूछताछ के दूसरे हथकंडे अपना सकती है।

कौन है RG?

सुशेन गुप्ता का कहना है कि RG एक रजत गुप्ता, जो राम हरि राम ज्वैलर्स का निदेशक है, जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने रजत गुप्ता से बातचीत करने की कोशिश की। इतना ही नहीं, प्रवर्तन निदेशालय ने सुशेन गुप्ता के कहने पर रजत गुप्ता से पूछताछ की तो रजत गुप्ता ने कहा कि मेरा इसमें कोई लेना देना नहीं है। रजत गुप्ता ने यह भी कहा कि इस केस किसी भी RG का कोई संबंध नहीं है, क्योंकि यह सिर्फ सुशेन गुप्ता की दिमागी उपज है।

मिसेज गांधी का भी नाम आया था सामने

इससे ठीक पहले प्रवर्तन निदेशालय ने एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा था कि क्रिश्चियन मिशेल से पूछताछ करने के बाद मिसेज गांधी यानि सोनिया गांधी का नाम सामने आया है। हालांकि, फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय को इस केस में कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है, क्योंकि तमाम आरोपी मामले को गुमराह करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन प्रवर्तन निदेशालय एक न एक दिन सच्चाई को ज़रूर सामने लाएगी और मुख्य आरोपी सलाखों के पीछे होगा और मामला निपट जाएगा।

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