स्वास्थ्य

सात फेरों से पहले दुल्हा-दुल्हन करवाएं मेडकिल चेकअप, शादीशुदा जीवन में हमेशा रहेगी खुशहाली

भारतीय समाज में शादी से पहले लड़के और लड़की की कुंडली मिलाने का रिवाज होता है. खासकर हिंदू धर्म में ऐसा करना बहुत जरूरी होता है और ऐसा भी माना जाता है कि अगर दोनों की कुंडली मिल गई तो सब ठीक है और फिर शादी पक्की करा दी जाती है. मगर शादी से पहले लड़का या लड़की के स्वास्थ्य में कोई गड़बड़ी तो नहीं इस बारे मे कोई नहीं सोचता जबकि यही बात जरूरी होती है. इसलिए हर किसी को जागरुक बनना चाहिए और सात फेरों से पहले दुल्हा-दुल्हन करवाएं मेडकिल चेकअप, शादी के पवित्र बंधन में बंधने से पहले अपने पार्टनर की मेडिकल हिस्ट्री जरूर जान लें.

सात फेरों से पहले दुल्हा-दुल्हन करवाएं मेडकिल चेकअप

रूढ़िवादी सोच को किनारे रखकर अपनी शादी से पहले पार्टनर के बारे में सबकुछ जानने के साथ-साथ उनकी मेडिकल हिस्ट्री जानने का भी आपका पूरा हक होता है. शादी से पहले अपना और अपने पार्टनर का मेडिकल टेस्ट जरूर कराएं. आप दोनों एनीमिआ, ब्लड ग्रुम, आरएच फैक्टर, थाइराइड, हेपेटाइटिस, एसटीडी, सिफलिस, एड्स सहित कई दूसरे टेस्ट करवा सकते हैं. एक बार स्वास्थ्य की जांच कराने के बाद आप उसी आधार पर अपने पार्टनर के लिए परफेक्ट बन सकते हैं. तो जानिए शादी से पहले कौन-कौन से टेस्ट हैं जरूरी ?

एचआईवी टेस्ट

यौन संबंध बनाने से एचआईवी एड्स, हेपेटाइसिस बी, एसटीडी सहित कई बीमारियां फैलने का डर रहता है. इसलिए अगर संभव हो सके तो शादी से पहले इन टेस्ट को करवा लेना चाहिए जिससे आपके शादीशुदा जीवन में बाद में कोई परेशानी नहीं आए. ये जांच करवा कर आप सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपके पार्टनर का यौन स्वास्थ्य ठीक है या नही.

थैलेसीमिया टेस्ट

थैलेसीमिया एक ऐसा टेस्ट है जिसमें थेेलेसीमिया जीन का पता लगाया जाता है. थैलेसीमिया एक आनुवांशिक बीमारी होती है जिसमें लाल रक्त कोशिकाएं लगातार नष्ट होती जाती है जिसके कारण इंसान का शरीर खून की कमी से सूख जाता है. अगर पति या पत्नी दोनों में कोई एनीमिया से पीड़ित है तो उनके बच्चे को थैलेसीमिया हो सकता है.

स्क्रीनिंग फॉर क्रॉनिक डिसीज

शादी से पहले किडनी की समस्या, उच्च रक्तचाप या डायबिटीज जैसे रोगों का पता लगाना बहुत जरूरी होता है. क्योंकि ये सभी बीमारी बाद में निकलने पर आपके पार्टनर को प्रोबलम हो सकती है.

फर्टीलिटी टेस्ट

शादी से पहले फर्टीलिटी टेस्ट कराने से पता चल जाता है कि प्रजनन क्षमता ठीक है या नहीं. पुरुषों में स्पर्म की संख्या कम है या फिर सामान्य है.शादी के बाद महिला में बांझपन की समस्या तो नहीं आने वाली और शादीशुदा जीवन में इससे कोई अड़चन तो नहीं आने वाली, इसलिए ये टेस्ट करवा लेना चाहिए.

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