स्वास्थ्य

ये है देश का सबसे बड़ा कैंसर हॉस्पिटल, जहां पर एक ही बार में होगा कैंसर के ट्यूमर का खात्मा

हमारे देश की नेशनल कैंसर संस्थान में जल्द ही जापानी तकनीक के तहत कैंसर के मरीजों का इलाज किया जाएगा और इस तकनीक की मदद से कैंसर के मरीजों का इलाज बिना किसी ऑपरेशन के होगा। साल 2021 तक हरियाण के बाढ़सा स्थित नेशनल कैंसर संस्थान में ये तकनीक आ जाएगी। कैंसर के ट्यूमर को एक बार में खत्म करने वाली ये तकनीक अभी तक अमेरिका देश में भी उपलब्ध नहीं है। मगर जल्द ही ये भारत में उपलब्ध होने वाली है।

क्या है ये तकनीक

इस तकनीक का नाम हैवी आयन रेडियोथेरेपी है और ये एक प्रोटोन थेरेपी है। इसकी मदद से कैंसर के मरीजों का ट्यूमर बिना ऑपरेशन किए खत्म किया जाता है। ये काफी आधुनिक तकनीक है। ये तकनीक ऑपरेशन के मुकाबले ज्यादा असरदार और कारगर है। हैवी आयन रेडियोथेरेपी की मदद से केवल कैंसर के ट्यूमर पर ही असर पड़ता और इस ट्यूमर के आसपास का हिस्सा एकदम सही रहता। इस तकनीक का इस्तेमाल करते समय रेडिएशन ट्यूमर के दूसरी ओर तक नहीं जा पाती है और केवल ट्यूमर वाला हिस्सा ही इससे प्रभावित होता है। ऑपरेशन के बाद जहां मरीज को सही होने में काफी समय लगता है वहीं इस तकनीक की मदद से मरीज पांच सप्ताह के अंदर ही ठीक हो जाता है। एनसीआई के निदेशक डॉ. जीके रथ ने इस तकनीक के बारे में मीडिया को जानकारी दी और बताया कि  2021 के आखिर तक ये सेवा शुरू हो जाएगी। भारत ने जापान देश के साथ इस तकनीक का करार कर लिया है और तीन सालों में ये सुविधा आम जनता के लिए उपल्बध हो जाएगी।

हमारे देश के राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआई) में ये तकनीक आ जाने से हमारे देश का नाम दुनिया के उन चुनिंदा देश में शामिल हो जाएगा। जहां पर इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। आपको बता दें कि अभी तक महज चार ही ऐसा देश हैं जिनके अस्पतालों में हैवी आयन रेडियोथेरेपी के तहत मरीजों का इलाज किया जाता है। ये देश जापान, चीन, इटली और जर्मनी है और अब भारत भी इन देशों की सूची में शामिल होने जा रहा है।

हर दिन 60 मरीजों का हो रहा रजिस्ट्रेशन

नेशनल कैंसर संस्थान का उद्घाटन इसी साल पीएम मोदी द्वारा किया गया है। नेशनल कैंसर संस्थान में रोजाना लगभग 60 कैंसर के मरीजों का रजिस्ट्रेशन हो रहा है। मगर अभी तक इस अस्पताल में ऑपरेशन की सुविधा शुरू नहीं हो सकी है। जिसके चलते इस अस्पताल में आने वाले मरीजों को अभी दिल्ली के एम्म में भेजा जा रहा है।

इस अस्पताल को बनाने और इस अस्पताल में रखी गई मशीनों को लेकर सरकार द्वारा 2,035 करोड़ रुपये का खर्चा किया गया है। इस अस्पताल को दिल्ली में स्थित एम्स के जैसे बनाया गया है। इस अस्पताल के शुरू होने से हरियाण, पंजाब, हिमाचल प्रेदश जैसे राज्यों के लोगों को दिल्ली आकर अपना इलाज करवाने की जरूर नहीं पड़ेगी। राष्ट्रीय कैंसर संस्थान में अभी तक 50 बेड की सुविधा ही शुरू हो पाई है और उम्मीद है कि इस साल के अंत तक इस अस्पताल में 400 बेड का इंतजाम हो जाएगा। झज्जर के पास स्थित इस अस्पताल में दाखिल होने वाले मरीजों से महज 10 रुपये फीस के तौर पर लिए जा रहे हैं।

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