अध्यात्म

हनुमान जी के अलग-अलग मूर्तियों के होते हैं अलग-अलग मतलब, प्रमोशन के लिए इस तस्वीर की पूजा करें

हर कोई परेशानी मुक्त जीवन जीना चाहता है. लेकिन सौरमंडल के ग्रहों की हमारी कुंडली में बैठकी ही बताती है कि हमारे जीवन में परेशनियों का आगमन कब और कैसे होगा. अधिकतर लोगों के जीवन में आने वाली परेशानियों का कारण शनि, राहु और केतु जैसे ग्रह होते हैं. इन ग्रहों के प्रकोप से बचने के लिए मनुष्य के पास केवल एक उपाय है और उसे हनुमत अराधना के नाम से जाना जाता है. हनुमान जी को एकलौता ऐसा भगवान बताया गया है जिनसे यह सभी दुष्ट ग्रह भयभीत रहते हैं. इनकी पूजा-अर्चना कर व्यक्ति को परेशानियों से मुक्ति मिल सकती है. वैसे तो हनुमान चालीसा, सुंदर कांड, बजरंग बाण का नियमित पाठ करना ही खासतौर पर मंगलवार के दिन सभी परेशानियों से मुक्ति दिलाता है. लेकिन इसके अलावा भी कुछ बातें होती हैं जिनका ध्यान रखना ज़रूरी है. हम हनुमान जी की पूजा तो करते हैं लेकिन हमें यह मालूम नहीं होता कि मनचाहा फल प्राप्ति के लिए उनकी किस मूर्ती या तस्वीर की अराधना करनी चाहिए. आज हम आपको यही बताएंगे.

दुर्भाग्य से मुक्ति

अपने दुर्भाग्य से मुक्ति पाने के लिए आपको हनुमान जी की ऐसी मूर्ती या तस्वीर की पूजा करनी चाहिए जिसमें वह प्रभु राम, लक्ष्मण और माता सीता की क़दमों में बैठे हों. यदि आप ऐसी तस्वीर की पूजा करेंगे जिसमें हनुमान जी खुद भक्ति-भाव में हों, तो फल जल्दी मिलता है.

नौकरी या प्रमोशन

नौकरी या फिर प्रमोशन पाने के लिए व्यक्ति को हनुमान भगवान की उस तस्वीर की पूजा करनी चाहिए जिसमें वह सफ़ेद स्वरुप और रंगीन वस्त्रों में हों. ऐसी तस्वीर की अराधना करने पर फल की प्राप्ति जल्दी होगी.

एकाग्रता और शक्ति

मानसिक शक्ति प्राप्त करने के लिए हनुमान जी की उस तस्वीर की पूजा करें जिसमें वह भक्ति भाव में लीन हों. ऐसी तस्वीर की अराधना करने से एकाग्रता में भी वृद्धि होती है.

साहस में वृद्धि

साहस में वृद्धि के लिए वीर हनुमान की तस्वीर की अराधना करें. इस तस्वीर में वह अपने साहस, पराक्रम और आत्मविश्वास से ओत-प्रोत नज़र आते हैं.

मान-सम्मान में वृद्धि

हनुमान जी सूर्यदेव को अपना गुरु मानते हैं इसलिए जिस तस्वीर में वह सूर्यदेव की अराधना कर रहे हों, उसकी पूजा करने से ज्ञान, गति, उन्नति और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है.

घर की खुशहाली

उत्तर दिशा में देवी-देवताओं का स्थान होता है. इसलिए उत्तर दिशा की तरफ हनुमान जी की मुख वाली तस्वीर को हनुमान जी की उत्तरमुखी तस्वीर कहते हैं. उनके इस स्वरूप की पूजा करने से घर में खुशहाली और सुख-समृद्धि आती है.

मृत्यु के भय से मुक्ति

कहते हैं कि यमराज जी का घर दक्षिण दिशा में होता है. दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके बैठे हनुमान जी की तस्वीर की अराधना करने से व्यक्ति को मृत्यु के भय से मुक्ति मिल जाती है.

ध्यान रहे कि हनुमान जी को बाल ब्रहमचारी कहा जाता है. इसलिए विवाहित दंपत्ति को कभी भी इनकी तस्वीर अपने बेडरूम में नहीं लगानी चाहिए. मंदिर में ही हनुमान जी की पूजा करें.  

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