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रवीश कुमार की फिर जागी पाकिस्तान भक्ति, इमरान खान को दिया ‘अभिनंदन’ की रिहाई का क्रेडिट

विंग कमांडर अभिनंदन के भारत आने के बाद पूरे देश में खुशी का माहौल है। हर कोई इस मुद्दे पर अपनी राय बेबाकी से रख रहा है। जहां एक तरफ अभिनंदन के वतन वापसी पर जश्न देखने को मिला तो वहीं दूसरी तरफ क्रेडिट की होड़ भी मच गई। अभिनंदन की रिहाई का क्रेडिट किसे दिया जाए, इस पर भी जमकर बयानबाजी हो रही है। हर कोई अपने हिसाब किताब से अभिनंदन की रिहाई का क्रेडिट दे रहा है और इसी बीच जाने माने पत्रकार रवीश कुमार एक बार फिर से सुर्खियों में आ गये हैं। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?

भारत आने के बाद विंग कमांडर अभिनंदन का इलाज आर्मी अस्पताल में किया जा रहा है। अभिनंदन के जल्दी स्वस्थ होने की कामना पूरा देश कर रहा है, लेकिन इस बीच क्रेडिट किसे दिया जाए इस पर भी जमकर लोग हिस्सा ले रहे हैं। इतना ही नही, जैसे ही अभिनंदन ने भारत की ज़मीन पर अपना पहला कदम रखा, वैसे ही क्रेडिट की चर्चा होने लगी। अभिनंदन की रिहाई पर भी तरह तरह के बयान आ रहे हैं, जिसमें रवीश कुमार का बयान सुर्खियों में हैं।

अभिनंदन की रिहाई का क्रेडिट किसे दिए जाए?

अभिनंदन के भारत पर पहला कदम रखते ही इस बात की चर्चा होने लगी कि आखिर इसका क्रेडिट किसे दिया जाए। कौन है इसका असली हकदार और इसी बीच एक से बढ़कर एक बयान आ रहा है। जहां कुछ लोग इसका क्रेडिट पीएम मोदी को दे रहे हैं, तो वहीं कुछ लोग जेनेवा संधि को भी दे रहे हैं, लेकिन इसी बीच भारत के कुछ बुद्धजीवी पाकिस्तान के इमरान खान को इसका पूरा क्रेडिट दे रहे हैं और उन्हें बकायदा धन्यवाद भी दे रहे हैं, जिससे यह मामला पूरी तरह से बढ़ता हुआ नजर आ रहा है।

अभिनंदन की रिहाई पर क्या बोलें रवीश कुमार?

अभिनंदन की रिहाई पर रवीश कुमार ने अपने शो में कहा कि पाकिस्तान ने अभिनन्दन को वापस कर दिया, क्या आप में पाकिस्तान का शुक्रिया करने का साहस बचा है, अगर नहीं बचा है तब भी पाकिस्तान का शुक्रिया करिए। रवीश कुमार के इस बयान को पाकिस्तानी मीडिया ने जोरो शोरो से चलाया और उन्हें पाकिस्तान का हीरो बना दिया। रवीश कुमार अक्सर अपने इसी तरह के बयानबाजी करते हुए नजर आते हैं, जिसकी वजह से वे कई बार ट्रोल भी होते हैं।

पाकिस्तान ने कोई एहसान नहीं किया

बताते चलें कि अभिनंदन की रिहाई पर पाकिस्तान ने भारत पर कोई एहसान नहीं किया है। पाकिस्तान को अभिनंदन को छोड़ना ही था, क्योंकि यह जेनेवा संधि के तहत है। इतना ही नहीं, 1971 में भारत ने भी पाकिस्तान के 90000 हजार सैनिक सकुशल छोड़े थे और इसका क्रेडिट भारत ने पाकिस्तान से नहीं मांगा था, क्योंकि यह एक नियम है, जिसमें दुनिया भर के देशों ने साइन किया है और इसमें भारत और पाकिस्तान भी शामिल है।

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