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एक बार फिर लगी समझौता एक्सप्रेस पर रोक, इंदिरा गांधी और जुल्फीकार भुट्टो ने की थी पहल

भारत की तरफ से किए गए एयरस्ट्राइक से बौखलाए पाकिस्तान ने सबसे पहले सीजफायर का उल्लघंन किया औऱ फिर वायुसीमा का भी उल्लंघन किया गया। अब दोनों देशों के बीच चलने वाली समझौता एक्सप्रेस ट्रेन का भी इस्तेमाल किया गया है। पाकिस्तान समझौता एक्सप्रेस को रद्द कर दिया है। हालांकि उन्होंने कहा कि बाद में इस ट्रेन को फिर चलाएंगे। वहीं दूसरी तरफ भारत सरकार की ओर से रेलमंत्री पीयूष गोयल पहले ही कह चुके हैं कि ये ट्रेन सिर्फ दिल्ली से पंजाब औऱ अटारी तक जाएगी। समझौता एक्सप्रेस को लेकर ये बयान सामने आ रहे हैं तो आपका जानना जरुरी है कि इसकी शुरुआत क्यों और कब हुई थी।

इंदिरा और भुट्टो ने की थी शुरुआत

ये बात है 1971 की जब भारत और पाकिस्तान के बीच जंग हुई थी। इस जंग में पाकिस्तान को भारत से मुंह की खानी पड़ थी औऱ सबसे सामने सरेंडर भी किया था। इसके बाद जुलाई  1972 में दोनों देशों के बीच अमन चैन और शांति के लिए शिमला समझौता हुआ था। इस समझौते में दोनों देशों की सीमा पर ट्रेन समझौता एक्सप्रेस चलाने पर सहमति बनी थी। इस ट्रेन का नाम ही समझौता एक्सप्रेस रखा गया था। भारत की पीएम उस वक्त इंदिरा गांधी थीं और पाकिस्तान की तरफ से हस्ताक्षर करने वाले पीएम थे अली भुट्टो।

 

 

भारत में ये ट्रेन दिल्ली से पंजाब स्थित अटारी तक चलती है वहीं पाकिस्तान की ओर से ये ट्रेन लाहौर से वाघा तक आती है। जो भी अटारी बॉर्डर पर ट्रेन से उतरते हैं उन्हें पाकिस्तान के वाघा रेलवे स्टेशन तक पहुंचने के लिए एक दूसरी ट्रेन का इस्तेमाल करना होता है औऱ करीब 3 किमी की दूरी भी तय कर करनी होती है। इस ट्रेन की जांच दूसरी ट्रेनों की अपेक्षा काफी सख्ती से की जाती है। इस ट्रेन के चलने से पहले पटरियों की अच्छे तरीके से जांच होती है। साथ ही बीएसएफ के जवान घोड़े पर सवार होकर ट्रेन के साथ चलते हैं। अगर किसी भी तरह की कोई संदिग्ध स्थिति देखने पर तुरंत इसकी जांच होती है।

अब फिर नहीं चलेगी समझौता एक्सप्रेस

भारत और पाकिस्तान में अमन चैन लाने के लिए समझौते पर बनी समझौता एक्सप्रेस एक बार फिर कुछ ऐसे ही दौर से गुजर रही है कि इसके आने जाने पर रोक लगा दी गई हैं। आज के समय में ये ट्रेन हफ्ते में दो बार बुधवार औऱ रविवार को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से रात 11.10 मिनट पर चलती है जबकि लाहौर से वापसी  समय ये ट्रेन भारत में सोमवार और गुरुवार को पहुंचती है। इसमे स्लीपर का किराया 275 रुपए और एसी3 का किराया 745 रुपए है।

 

इस ट्रेन को चलाया तो गया, लेकिन इसके आने जाने पर कई बार पाबंदियां लगीं हैं। 13 दिसंबर 2001 को पाकिस्तानी आतंकियों ने भारत की संसद पर हमला कर दिया इससे ट्रेन को आने जाने से रोक दिया गया था। हालांकि बाद में हालात सामान्य होने ते बाद से इसे फिर से शुरु किया गया इसके बाद 2007 में बेनजीर भुट्टो पर हमले के बाद एक बार फिर इस ट्रेन को रोका गया। 2007 में दिल्ली से पाकिस्तान के लाहौर जा रही समझौता एक्सप्रेस में बम धमाका किया गया इसमें 68 लोगों की मौत हो गई थी।

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